तहरीक इ आज़ादी के जान बाज़ सिपाहियों ने अपनी जान की परवाह किये बग़ैर अँगरेज़ सम्राज्येवादी शासन को न सिर्फ लोहा दिया बल्कि आज़ादी के लिए हँसते हँसते फांसी के फंदों को चूमना अपनी किस्मत समझा और गौरव भी .देश की आज़ादी के लिए अपना सब कुछ लुटा दिया .
आज लाल किले की फ़सील पर खड़े होकर इंक़लाब ज़िंदाबाद और वंदे मातरम् के नारे लगाना बहुत आसान है लेकिन उस दौर में इंक़लाब कहने पर फांसी की सजा थी .उस खुनी दौर में इंक़लाब का नारा लगाने वाले हज़ारों जांबाज़ सिपाही जो सभी धर्मों और वर्गों से थे अपनी जानो की आहूति दे रहे थे किन्तु आज इंक़लाब का नारा लगाने वालों को अगर सच्चाई का आईना दिखाते हुए सच्ची बात कह दो तो देश द्रोह का मुक़द्दमा ठोक दिया जाता है ,चापलूसी के इस दौर में सच्चाई कहने वालों का आज वही हाल है जो अँगरेज़ के दौर इ हुकूमत में स्वतंत्रता संग्रामियों का था . इसको आप क्या कहेंगे ?
आज १५ अगस्त २०१६ के दिन कई प्रोग्रामों में वक्ता(SPEAKER) की हैसियत से जाने का अवसर मिला दर्जनों नेताओं के भाषण सुने किन्तु किसी एक ने भी मुस्लिम स्वतंत्रता संग्रामियों का नाम नहीं लिया या तो उनको आजतक इसका ज्ञान ही नहीं है की देश को आज़ादी दिलाने में मुसलमानो का बराबर का योगदान है सिखों का योगदान है बल्कि ईसाईयों का भी योगदान है या जान बूझक अनजान बने रहते हैं मगर होश संभालने से आजतक देश के हर छोटे बड़े नेता की ज़बान से 4 -5 नेताओं के नाम सुनते आरहे हैं आज हम तारिख के साथ इन्साफ करना चाहते हैं और टाइम्स ऑफ़ पीडिया के बैनर से देश की सत्ता और विपक्ष के नेताओं को बताना चाहते हैं कि मेहरबानी करके देश के संग्रामी दौर के इतिहास के साथ इन्साफ करो वरना देश की एक बड़े वर्ग की नई नस्ल ये सोचकर की देश के लिए हमारी क़ौम के पूर्वजों की कोई क़ुरबानी ही नहीं है तो हमको देश से हमदर्दी क्योंकर हो वो बग़ावत पर न उतर आये ,जो देश के लिए अच्छा शगुन न होगा .
नौजवानों को जब बार बार उनके बड़ों की क़ुरबानी याद दिलाई जायेगी तो देश से मोहब्बत बढ़ेगी .आज हम सरकार को और अवाम को भी कुछ नाम गिना रहे हैं जिनका देश कि आज़ादी में अपना योगदान है ,हालांकि हुडसन अपनी डायरी में तो यह लिखता है कि दिल्ली दरवाज़े से पेशावर तक ग्रैंड ट्रंक रोड पर दोनों जानिब लगे पेड़ों पर कोई दरख़्त ऐसा न था जिसपर किसी मौलवी कि लाश न टंगी मिलती हो .आज़ादी के चंद मतवालों के नाम याद दहनी के लिए पेश हैं .
1. नवाब सिराजुद्दौला
2.शेर -ए -मैसूर टीपू सुल्तान
3.हज़रत शाह वलीयुल्लाह मुहद्दिस देहलवी
4.हज़रत शाह अब्दुल अज़ीज़ मुहद्दिस देहलवी
5.हज़रत सईद अहमद शहीद
6.हज़रत मौलाना विलायत अली सादिक़ पूरी
7.अब ज़फर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह
ज़फर
8.अल्लामा फ़ज़ल -ए -हक़ खैराबादी
9.शहज़ादा फिरोज शाह
10.मौलवी मुहम्मद बक़र शहीद
11.बेगम हज़रत महल
12.मौलाना अहमदुल्लाह शाह
13.नवाब खान बहादुर खान
14.अजीज़न बाई
15.शाह अब्दुल क़ादिर लुधियानवी
16.हज़रत हाजी इमदादुल्लाह मुहाजिर मक्की
17.हज़रत मौलाना मुहम्मद क़ासिम ननोतवी
18.हज़रत मौलाना रहमतुल्लाह कैरानवी
19.शैख़ -उल -हिन्द हज़रत मौलाना महमूद -उल -हसन 20.हज़रत मौलाना उबैदुल्लाह सिंधी
21.हज़रत मौलाना रशीद अहमद गंगोही
22.हज़रत मौलाना अनवर शाह कश्मीरी
23.मौलाना बरकतुल्लाह भोपाली
24.हज़रत मौलाना मुफ़्ती कफायतुल्लाह
25.सहबान -उल -हिन्द मौलाना अहमद सईद देहलवी
26.हज़रत मौलाना सईद हुसैन अहमद मदनी
27.सैय्यिदुल अहरार मौलाना मुहम्मद अली जौहर
28.मौलाना हसरत मोहनी
29.मौलाना आरिफ हिसवि 30.मौलाना अबुल कलम आज़ाद
31 रईस -उल -अहरार मौलाना हबीबुर्रहमान लुधियानवी
32.Dr. सैफुद्दीन कुचलु अमृतसरी
33.मसीह -उल -मुल्क हाकिम अजमल खान
34.मौलाना मज़हरुल हक़
35.मौलाना ज़फर अली खान 36.अल्लामा इनायतुल्लाह खान मशरिक़ी
37.डॉ . मुख़्तार अहमद अंसारी
38.जनरल शाहनवाज़ खान
39.हज़रत मौलाना सईद मुहम्मद मियां
40.मौलाना मुहम्मद हिफ्जुर्रहमान स्योहारवी
41.हज़रत मौलाना अब्दुल बारी फरंगीमहली
42.खान अब्दुल गफ्फार खान
43.मुफ़्ती अतीक़ुर्रहमान उस्मानी
44 . डॉ . सईद महमूद
45.खान अब्दुल समद खान
46.रफ़ी अहमद किदवई
47.युसूफ मेहर अली
48.अशफ़ाक़ुल्लाह खान
49.बैरिस्टर आसिफ अली
50.हज़रत मौलाना अताउल्लाह शाह बुखारी
51.मौलाना खलील -उर -रहमान लुधियानवी
53.अब्दुल क़य्यूम अंसारी .
ऐनी बेसंट , एलान ओक्टवियान हूमे , विलियम डिग्बी , और हेनरी कॉटन
ये नाम मिसाल के तौर पर लिखे गए हैं जबकि जान देने वालों कि तादाद लाखों में है ALI AADIL KHAN EDITOR TOP NEWS GROUP