दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठ गया है.
मलिक शुक्रवार सुबह 7 बजे से हड़ताल पर है जो कि वहां उम्रकैद की सजा काट रहा है. जेल नम्बर 7 में कैद यासीन मलिक से जेल अधिकारिकों ने हड़ताल खत्म करने की अपील की लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नहीं है.
यासीन मलिक का आरोप है कि उसके खिलाफ पेंडिंग मामलों की जांच सही ढंग से नहीं हो रही है और इसी जांच को सही तरीके से कराने की मांग के साथ वह सुबह से भूख हड़ताल पर बैठा है.
मलिक को मनाने की तमाम कोशिश अब तक बेकार गई हैं और हड़ताल खत्म न होने पर जेल प्रशासन की ओर से सरकारी एजेंसियों को भी इस बात की सूचना दे दी गई है.
आतंकी यासीन मलिक तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है, जहां उसे सुबह का ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर दिया जाता है. लेकिन शुक्रवार सुबह जब कर्मचारी ब्रेकफास्ट लेकर उसके पास पहुंचे तो उसने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया. साथ ही कर्मचारी को बताया कि वह भूख हड़ताल पर हैं और उसने इसके बारें में पहले ही जेल के अफसरों को बता रखा है.
यासीन की भूख हड़ताल के बाद सुरक्षा इंतजाम पुख्ता कर दिए गए हैं. साथ ही अब मेडिकल टीम भी अलर्ट पर रखी गई है ताकि अगर उसकी तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके. साथ ही किसी भी आपात स्थिति में उसे दिल्ली के किसी अस्पताल में भर्ती करने के इंतजाम भी किए गए हैं.
आतंकी यासीन मलिक को 25 मई को दिल्ली की अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. मलिक पर UAPA और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है. उस पर भारत के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंकियों के लिए फंड जुटाने का दोषी पाया गया था. कोर्ट ने 19 मई को सुनवाई के दौरान ही उसे दोषी ठहरा दिया था.सजा के ऐलान से पहले जांच एजेंसी NIA आतंकवादी मलिक को मौत की सजा देने की मांग कोर्ट से की थी लेकिन अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. यासीन मलिक ने जम्मू कश्मीर की आजादी के नाम पर घाटी में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया और आतंकी संगठनों के लिए पैसा जुटाया. कोर्ट में यासीन मलिक ने अपने खिलाफ लगाए सभी आरोपों को स्वीकार भी कर लिया था.