मौलाना राशन लेकर पहुंचे हिन्दू बस्ती और चर्च में
टाटानगर जमशेदपुर : जब लोग अपनी लम्बी ज़िंदगी की उम्मीद में खुअहिशात की चादर और स्वार्थ के प्याले को बड़ा कर रहे हों ऐसे में हर उस व्यक्ति को अपनी ज़रूरतों और सेहत की परवाह किये बग़ैर बिना भेदभाव और इंसानियत की खिदमत के लिए आगे आ रहा हो तो उसकी होंसला अफ़ज़ाई समाज को करनी चाहिए ताकि उसको शक्ति मिले और दुसरे लोगों को भी प्रोत्साहन मिले .किसी को नेक काम के लिए प्रेरिर करना या उसकी होंसला अफ़ज़ाई करना यह भी सवाब और पण्य का काम है और इस पर भी आपको आपके रब की तरफ से बहुत ज़्यादा दिए जाने का वादा है .
मौलाना अंसार जब चर्च के दरवाज़े पर वहां लोगों की मदद के लिए कुछ खाने के सामान के पैकेट्स लेकर पहुंचे चर्च के दरवाज़े को खटखटाय तो वहां मजूद लोगों ने मौलाना को गले लगाकर शुक्रिया अदा किया और दुआओं से भी नवाज़ा .और मुसीबत की इस घडी में मदद करने वाले को रब का फरिश्ता बताया , इससे मौलाना की आँखें भी नम होगईं .

ऐसे में जमशेदपुर में सद्भाव और एकता तथा मानवता के प्रतीक बनकर उभरे मौलाना अंसार (मांगो क्षेत्र के निगरानी समिति के सदस्य तथा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष ) आजकल मानवता की सेवा के लिए बिना धर्म और जाती मज़हब को देखे सिर्फ इंसानियत , मानवता और देश की सेवा भाव से लगे हैं . हालांकि इनके बारे में यह गुमान भी किया जा रहा है की वो सियासी फायदे के लिए यह सब कर रहे हैं , क्योंकि उनका ताल्लुक़ जिला कांग्रेस से है और वो पिछले विधान सभा चुनाव में काफी सक्रिय रहे हैं ,ऐसे में जनता का यह गुमान सही होसकता है .
मौलाना ने इस अवसर पर हयातनगर के सभी ज़रूरतमंद लोगों को कहा है कि वो बिना झिजक हमको अपनी ज़रूरत बताएं हम उनकी पूरी मदद करने के लिए पहुंचेंगे ,और उन्होंने हयातनगर के लोगों से भी आह्वान किया की वो अपने घरों के आसपास ज़रूरतमंत लोगों का ख्याल रखें और जिससे जितनी मदद हो सके करें .एहि इंसानियत है .

किन्तु अगर वो सियासी लाभ के लिए ही यह कर रहे हैं तो भी ऐसे लोग मुबारकबाद के पात्र हैं , जब लोग घरों में दुबके बैठे हो और बड़े बड़े सियासी मेढक सियासी बरसात का इंतज़ार कर रहे हों , चुनाव में लाखों के पर्चे और बिल्ले बांटने वाले लोग आज 10 लोगों की 2 वक़्त की रोटी का प्रबंध करने से कतरा रहे हैं ,कहाँ हैं वो सब कुकुरमुत्तू जो बड़े बड़े वादे और दावे करते हैं चुनाव के समय सत्ता की कुर्सी को हथ्याने के लिए , कहाँ हैं सत्ता के भिकारी और झूठे आकाओं के पुजारी क्यों दुबक गए हैं बिलों में .

ऐसे में यदि कोई एक शख्स कम संसाधनों के बावजूद स्वयं इस सेवा में लगा हो तो नैतिक और अख़लाक़ी ज़िम्मेदारी हमारी भी बनती है की उनका होंसला बढ़ाया जाए . और बताया जाए उन मौक़ा परस्त डायनासोरों को , कि अपनी ही क़ौम को निगल जाने वाले स्वार्थी नेताओ बाहर आओ और लाभ उठाओ इस मौसम और सीजन का जब इंसानो को आज़माने का वक़्त आगया है . और जो लोग आज भी इस महामारी के काल में नफरत और द्वेष तथा साम्प्रदायिकता का बीज डाल रहे हैं याद रखें जब इस खेती को काटने का वक़्त आएगा तो वो भी पेड़ बबूल के ही पाएंगे , आम के नहीं ……

रहा मौलाना अंसार की सेवा का मामला तो उनकी नीयत और इरादे को हम सबसे बेहतर उनका रब जानता है , हम उनकी दोनों लोक की सफलता की कामना और दुआ करते हैं , और उनको एक पैग़ाम भी देना चाहते हैं की , मौलाना आप तो यह सब काम अपने रब की रज़ा के लिए ही करते रहें , आपके मुक़द्दर और भाग्य की रोज़ी ,इज़्ज़त और शोहरत व् मनसब आपको मिलकर ही रहेगी , अगर आप उससे भागना भी चाहोगे तो भी आपके पास आकर रहेगी लिहाज़ा आप अपने इस अमल को खालिस अपने रब की रज़ा के लिए करलो .
शुभ कामनाओं के साथ
Editor ‘ s Desk
टाइम्स ऑफ़ पीडिया टीम
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