Kya insan bhooka giddh nahi hai
Bhooki bachhi ke marne ke intazar mein do giddh
1993 में एक भूखी सूडानी बच्ची का मरने के लिए इंतजार कर रहे गिद्ध की यह तस्वीर फोटो पत्रकार केविन कार्टर ने ली थी, जिसके लिए बाद में उन्हें पुलित्जर पुरस्कार मिला। लेकिन वे अपनी उपलब्धि का आनंद लेने के लिए केवल कुछ महीने ही जीवित रहे क्योंकि वे अवसाद में चले गए और 33 वर्ष की आयु में ही आत्महत्या कर ली।
उनका अवसाद तब शुरू हुआ जब एक टीवी कार्यक्रम के दौरान किसी ने फोन पर उनसे पूछा – केविन, बाद में उस बच्ची के साथ क्या हुआ? केविन ने जवाब दिया, “मैंने इस शॉट के बाद पता लगाने का इंतजार नहीं किया था क्योंकि मुझे विमान पकड़ना था।
उस व्यक्ति ने जवाब दिया, “मैं बताता हूँ कि क्या हुआ। उस दिन वहाँ दो गिद्ध थे और दूसरे के पास कैमरा था”। इस वक्तव्य ने केविन को झकझोर दिया। इस बारे में निरंतर सोचते रहने से वे अवसाद में चले गए और अन्ततः आत्महत्या कर ली।
इसलिए जो कुछ भी हम करते हैं वहाँ लाभ से आगे मानवता को रखना चाहिए।