देश में यूनानी समेत आयुष चिकित्सा पद्धति का सबसे उत्तम प्रदेश बना राजस्थान
नई दिल्ली। आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर मुश्ताक अहमद व राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद सैयद अहमद खान ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि राजस्थान सरकार युनानी समेत आयुष चिकित्सा पद्धति के विकास में अग्रणी साबित हो रही है।

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प्रो मुश्ताक अहमद ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष डॉ नवाज उल हक अजमेरी के कुशल नेतृत्व में यूनानी पैथी का विकास समान रूप से हो रहा है। उन्होंने कहा राजस्थान के आयुष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने जयपुर में चिकित्सकों के समारोह में जो घोषणा की है वह सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य में लगभग 249 पुरानी डॉक्टरों की नियुक्ति, राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के तहत युनानी मेडिकल कॉलेज की स्थापना, भरतपुर में यूनानी उत्कृष्ट केंद्र की मंजूरी और बाड़मेर के बालोतरा कस्बे में आधूनिक सुविधाओं से युक्त 50 बिस्तरों वाले मेडिकल अस्पताल की स्थापना कर राजस्थान को पहला राज्य बना दिया है। राजस्थान में यूनानी चिकित्सकों को उसका अधिकार दिया जा रहा है।
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ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद अहमद खान ने इस बात पर खेद जताया कि देश के अन्य राज्यों में यूनानी पैथी के साथ पक्षपात किया जा रहा है।यहां तक कि असम में पुरानी डॉक्टरों का पंजीकरण भी नहीं किया जा रहा है।इसकी शिकायत असम के मुख्यमंत्री डाॅ हिमंत बिश्व सरमा और एनसीआईएसएम में बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन के अध्यक्ष डॉ आर के शर्मा को पत्र लिख कर की गई है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात सरकार पर भी भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इन राज्यों में पिछले दो दशकों से किसी भी यूनानी चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है।
डॉ सैयद अहमद खान ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि देश की राजधानी दिल्ली में भी यूनानी पैथी के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। यहां पर आयुष विभाग के स्थापना से लेकर अब तक किसी भी यूनानी अधिकारी को विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद नहीं दिया गया। जबकि इसके लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी को ज्ञापन देकर उपनिदेशक यूनानी की नियुक्ति की मांग की गई है।