देश में एक के बाद दूसरे आध्यात्मिक बाबाओं के काले करतूत लगातार सामने आने के बाद दिल्ली के उत्तरी इलाके रोहिणी में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर पुलिस की कार्रवाई में बाबा वीरेंद्र देव दिक्षित के कई राज़ सामने आये है.
पुलिस की जाकारी के अनुसार खुद को भगवान कृष्ण का अवतार बताकर 16 हजार लड़कियों के साथ शारीरिक सबंध बनाने की लालसा रखने वाला ये बाबा एक साथ 50-60 लड़कियों के साथ सबंध बनाता था
मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में वीरेंद्र देव के आश्रम में छापेमारी के दौरान छुड़ाई गई तीन लड़कियों में से एक ने मीडिया को बताया कि हॉल में 50-60 नाबालिग लड़कियों को खड़ा कर पुड़िया में पावडर दिया जाता था, फिर बिना पानी के ही उसे पीने (फाकने) को कहा जाता था.
पीड़िता बताती है कि पावडर फाकने के बाद उन्हें बेचैनी होती थी, दिमाग कुछ काम नहीं करता था. फिर बाबा और उसके गुर्गे बारी-बारी से बच्चियों से बलात्कार करता था.
वहीँ दूसरी ओर दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) का कहना है कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि दीक्षित मानव तस्करी का गिरोह चलाने में संलिप्त रहा है .
ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि भोले भाले लोगों को आध्यात्म कि शिक्षा देने के नाम पर उनका माल और इज़्ज़त लूटने वाले बाबाओं पर कोई अंकुश लगेगा या यह सिलसिला ऐसे ही चलेगा , विडंबना यह है कि इन सब बाबाओं और महात्माओं के रिश्ते नेताओं से बहुत अच्छे होते हैं और अक्सर एक दूसरों को पूरी सुरक्षा का वादा भी होता है .
अपनी आत्मा को शुद्ध करने , शान्ति , सुख , समृद्धि और परमात्मा से अपने सम्बन्ध अच्छे बनाने के लालच में आयी युवतियों के साथ मुंह काला होने की और उनकी दुर्गति के समाचार के बाद इस प्रकार के आध्यात्मिक विद्यालयों से अवाम भरोसा उठने लगा है बल्कि कुछ भक्तों को नफरत होने लगी है. क्या अब शांति हासिल करने के लिए लोग आश्रमों , मंदिरों और आध्यात्मिक विद्यालयों में अपनी आस्था को बनाये रखेंगे या फिर कोई और विकल्प तलाशने की जुस्तजू में लगेंगे …मुझे नहीं पता ,मगर कम से कम बाबाओं से ज़रूर बचने की कोशिश हर इंसान करने लगेगा . टॉप ब्यूरो समीक्षा