अन्ना आंदोलन फिर से रामलीला मैदान में शुरू हो चुका है।पिछली बार जब शुरू हुआ था तब भी किसान संघर्ष समिति ने समर्थन किया था ,इस बार भी कर रही है अंतर यह है कि पिछली बार में मंच पर था इस बार नहीं हूं।
साथियों को गलत फहमी न हो इसलिए यह स्पस्ट करना जरूरी है कि अन्नाजी की ने तब मेरे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव होने के बावजूद मुझे जंतर मंतर के मंच पर आमंत्रित किया था जब कि उसी समय उमाजी और चौटाला जी को मंच से उतारा गया था स्वामी अग्निवेश जी ने मुझे कई बार नाम पुकार कर मंच पर बुलाया था ।
बाद में मैंने समाजवादी पार्टी से नेतिकता के आधार पर राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफा दिया था। क्योंकि पार्टी आंदोलन का समर्थन करने को तैयार भी नही थी तथा मुझे कोर कमिटी में रखा गया था ।हालांकि नेताजी ने कभी उसे स्वीकार नहीं किया था । हालांकि तब से अब तक में किसी पार्टी में नहीं हूं।
अन्ना जी से इस बार भी मुलाकात भी हुई थी ,एक बैठक में भी गया था परंतु अन्नाजी शपथ पत्र पर बहूत जोर दे रहे थे ,यह बात अलग है कि मेरा चुनाव लड़ने का कोई इरादा फिलहाल नहीं है लेकिन आंदोलन चलाने के इस तरीके से मेरी सहमति नहीं है। फिर में अन्ना जी के शब्दों में पक्ष और पार्टी को असंवैधानिक और चुनावों को असंवैधानिक भी नहीं मानता ।
यह उल्लेख करना जरूरी है कि अन्नाजी के साथ इस बार नज़दीकी तौर पर कार्य कर रहे सभी साथी चाहते थे कि में इस बार भी साथ रहूं ।इस के बावजूद आंदोलन की मांगों से सहमति है। कुछ आपत्तियों के साथ ।
आंदोलन को समर्थन देना इसलिए भी आवश्यक है क्यूंजी अन्नाजी किसानों के उन मुद्दों को उठा रहे हैं जिनपर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति राष्ट्र व्यापी आंदोलन चला रही है।
यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि जब पिछली बार लोकपाल के लिए आंदोलन चलाया जा रहा था तब 15 अगस्त को अन्नाजी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था ,कॉन्स्टीटयूशन क्लब में प्रेस के माध्यम से ,उस समय मैंने उनको एक पर्ची देकर सुझाव दिया था कि वे वायदा करें कि लोकपाल आंदोलन समाप्त होने के बाद वे किसान आंदोलन में उतरेंगे ,उन्होंने यह घोषणा भी की थी। यही वे इसबार के आंदोलन के माध्यम से कर रहे है ।खुलकर किसान आंदोलन की मांगों को उन्होंने 11 सूत्रीय मांगों में जोड़ा है।
।में चुनावी व्यक्ति रहा हूं ,7 चुनाव लड़े हैं ,किसी भी राज्य में चुनाव हो भा ज पा के खिलाफ प्रचार करने बिना किसी पार्टी का साथ लिए जाता हूँ। चुनाव सुधार की अहमियत मुझसे ज्यादा कौन समझ सकता है।विशेष तौर पर टैब जबकि चुनाव सुधार संबंधी मांगें जे पी द्वारा की गई मांगें हैं। इन कारणों से अन्ना आंदोलन का समर्थन कर रहा हूँ।
आप भी कीजिये ,सोचिये 84 वर्ष की आयु में अन्ना अनशन कर रहे है।उनको जो प्रसिद्धि मिलनी थी वह मिल चुकी वे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते ,शुद्ध संमाज और सरकार को जागृत करने का प्रयास है।
इन्कलाब ,जिंदाबाद।
डॉ सुनीलम
09425109770