उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को आज संसद में विदाई दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पक्ष व विपक्ष के सभी नेता मौजूद रहे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सदन के लिए ये बहुत भावुक पल है।
सदन के कितने ही ऐतिहासिक पल आपकी गरिमामई उपस्थिति से जुड़े हैं। आपका जज्बा और लगन हम लोगों ने निरंतर देखी है। मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वो समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है। सदन के सभापति के रूप में हमने आपको अलग-अलग जिम्मेदारियों में बड़ी लगन से काम करते हुए देखा है। आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। व्यक्तिगत रूप से मेरा ये सौभाग्य रहा है कि मैंने बड़े निकट से आपको अलग-अलग भूमिकाओं में देखा है। मुझे आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का भी मुझे सौभाग्य मिला है।प्रधानमंत्री ने कहा, उपराष्ट्रपति के रूप में आपने सदन के बाहर जो भाषण दिए, उनमें करीब 25% युवाओं के बीच में रहे हैं। आप देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिसने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया है। सदन में भी हमेशा युवा सांसदो को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया।पीएम मोदी ने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव में आज जब देश अपने अगले 25 वर्षों की नई यात्रा शुरू कर रहा है। तब देश का नेतृत्व भी एक तरह से एक नए युग के हाथों में हैं। इस बार हम ऐसी 15 अगस्त मना रहे हैं, जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री सब के सब आजाद भारत में पैदा हुए हैं और सब के सब बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं।
उपराष्ट्रपति के विदाई समारोह के मौके पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, आपने सभी प्रमुख राज्यों में उच्च सदनों के लिए राष्ट्रीय नीति की वकालत की थी। आपने महिला आरक्षण विधेयक और अन्य मुद्दों पर आम सहमति की भी बात की। मुझे विश्वास है कि आप जो काम अधूरे छोड़ रहे हैं उसे सरकार पूरा करेगी। खड़गे ने कहा, हम दो अलग-अलग विचारधाराओं के लोग हो सकते हैं। मुझे आपसे कुछ शिकायतें भी हो सकती हैं, लेकिन आपने इतनी कठिनाई और दबाव में भी अपनी भूमिका निभाई – इसके लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं।