विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि RO Water के लगातार सेवन से हृदय संबंधी विकार, थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन, सर दर्द आदि दुष्प्रभाव पाए गए हैं. यह कई शोधों के बाद पता चला है कि इसकी वजह से कैल्शियम और मैग्नीशियम पानी से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं , जो कि शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है.
वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 500 टीडीएस तक सहन करने की क्षमता रखता है परंतु RO में 25 से 75 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है जो कि नुकसानदायक है.जबकि पानी में क्लोरीन को मिलाना इसका सुरक्षित विकल्प बताया गया है .
जी हाँ, क्लोरीन को रखने से ये फायदा होता है इसकी लागत भी कम होती है एवं पानी के आवश्यक तत्व भी सुरक्षित रहते हैं. जिससे मानव का शारीरिक विकास अवरूद्ध नहीं होता. जहां एक तरफ एशिया और यूरोप के कई देश RO पर प्रतिबंध लगा चुके हैं वहीं भारत में RO की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. याद रखें की लम्बे समय तक RO का पानी पीने से शरीर कमजोर और बीमारियों का घर बन जाता है.