
बोले PM मोदी, एक दोस्त और मूल्यवान सहयोगी को खोया…74 वर्षीय राम विलास पासवान के निधन पर राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, प्रियंका गाँधी ,भूपेश बघेल समेत देश के तमाम बड़े नेताओं ने संवेदना प्रगट की.
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार देर शाम दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में निधन हो गया। उनके पुत्र और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

नई दिल्ली: वर्तमान सरकार में दिग्गज दीबंगत नेताओं के एक के बाद दुसरे की लगातार मृत्यु का सिलसिला ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा . सभी दीबंगत नेताओं के परिवार वालों के साथ हमारी पूरी संवेदना है तथा दुःख भी है . हिंदुस्तान के तारीख़ में सत्ताधारी पार्टी के इतनी बड़ी संख्या में लगातार दुनिया से जाने वाले नेताओं की संख्या इससे पहले कभी नहीं देखि गयी .

VVIP इलाज तथा देख रेख में इन बड़े नेताओं का दुनिया से लगातार चलते जाना एक आम आदमी को भयभीत करे डालता है . आगे किसका नंबर हो कोई नहीं जानता किन्तु समय रहते सीख लेना और नेक काम काम करने , इन्साफ और ईमान की बात तो कम से कम सभी कर सकते हैं . भले covid 19 का कोई इलाज न ढून्ढ पाएं किन्तु सद्भाव , प्यार , और सहयोग तथा मानवता की घुट्टी तो ज़रूर दे सकते हैं सभी नेतागण और आम आदमी भी .लेकिन यहाँ तो ज़हर की पूड़ियाँ ही बांटने से फुर्सत नहीं है , नेताओं को .
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का अस्पताल में निधन हो गया है. वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. पासवान की हाल ही में बायपास सर्जरी हुई थी. वे 74 वर्ष के थे. उनके निधन पर PM नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, भूपेश बघेल समेत देश के तमाम बड़े नेताओं ने संवेदना प्रगट की.

रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ”पापा.. अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं. मिस यू पापा..”
NDA की सहयोगी पार्टी LJP के सुप्रीमो , मोदी कैबिनेट के मंझे हुए दलित नेता रामविलास पासवान के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके अपनी संवेदना प्रकट की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”मैं शब्दों से परे दुखी हूं. हमारे राष्ट्र में एक खाली जगह है जो शायद कभी नहीं भरेगा. उन्होंने कहा राम विलास पासवान जी का निधन मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है. मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी और ऐसे किसी को खो दिया है, जो हर गरीब व्यक्ति को यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद भावुक था कि वह गरिमा का जीवन जीते हैं.

प्रधानम्नत्री ने कहा , श्री रामविलास पासवान जी ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के माध्यम से राजनीति में कदम रखा. एक युवा नेता के रूप में, उन्होंने आपातकाल के दौरान अत्याचार और हमारे लोकतंत्र पर हमले का विरोध किया. वह एक उत्कृष्ट सांसद और मंत्री थे, जिन्होंने कई नीतिगत क्षेत्रों में स्थायी योगदान दिया. साथ में काम करना, पासवान जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना एक अविश्वसनीय अनुभव रहा. मंत्रिमंडल की बैठकों के दौरान उनके हस्तक्षेप व्यावहारिक थे. राजनीतिक ज्ञान, राज्य-कौशल से लेकर शासन के मुद्दों तक, वह प्रतिभाशाली थे. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ”रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है. ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी. उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं.”
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके संवेदना प्रगट की. उन्होंने लिखा, ”रामविलास पासवान जी वर्षों से मेरी मां के पड़ोसी रहे और उनके परिवार के साथ हमारा एक निजी रिश्ता था. उनके निधन की सूचना से बेहद दुःख हुआ है. चिराग जी और परिवार के समस्त सदस्यों को मेरी गहरी संवेदना. इस दुखद घड़ी में हम आपके साथ हैं.”
वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट करके संवेदना प्रगट की. उन्होंने लिखा, ”केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी के निधन के बारे में सुनकर बेहद दुख हुआ. लंबे समय तक सांसद, सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को याद किया जाएगा. शोक की इस घड़ी में परिवार के सदस्यों, चिराग पासवान के साथ प्रति मेरी संवेदना. उनकी आत्मा को शांति मिले.”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके लिखा, ”राष्ट्रीय राजनीति, ख़ासकर बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी के निधन का समाचार दुःखद है. मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति एवं चिराग पासवान जी सहित समस्त परिवार को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.”
इसी के साथ देश तथा दुनिया से रामविलास के निधन पर दुःख और संवेदना तथा परिवार के लिए सांत्वना संदेशों का सिलसिला जारी है . दीबंगात नेता के साथ लेखक को भी कईअवसरों पर सांगत का अवसर मिला जिसमें एक बड़ा मौक़ा वो था जब पूर्व सांसद तथा स्वतंतर्ता सेनानियों की संस्था के अध्यक्ष और सेक्युलर हाउस के करता धर्ता श्री शशि भूषण जी के साथ मिलकर हमने और रामविलास पासवान जी ने बहादुर शाह ज़फर की 199 वीं वर्षगाँठ मनाई थी .
इस अवसर पर रामविलास जी का एक जुमला जो मुझे आज तक याद है वो यह था की मुझे बहादुर शाह ज़फर साहब के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं कहना बस यह कहना चाहता हूँ की बहादुर शाह ज़फर ने लोकतंत्र और आज़ादी की ऐसी इबारत लिखी है जिसकी कोई मिसाल आइंदा नहीं मिलेगी जिसमें उन्होंने अपने बेटों को सरों को अपने दस्तरखुआंन पर देखकर जो जुमले कहे थे वो मुल्क की सत्ता पर बैठे लोगों के लिए मील का एक पत्थर था .
बहदुर शाह ज़फर ने कहा था ” शाबाश मेरे बेटो शाबाश तैमूरी खानदान के सपूतों को वतन पर मर मिटने के लिए पैदा किया जाता है और मुझे फ़ख़्र है की मेरे बेटे अंग्रेज़ों की ज़ालिम और सम्रज्य्वादी फ़ौज के सामने झुके नहीं बल्कि उन्होंने अपने सरों की क़ुरबानी को ग़नीमत समझा “.
रामविलास पासवान जी के ये तारीखी जुम्ले मेरे सीने पर आज भी नक़्श हैं जो उन्होंने लाल क़िले के तारीखी मक़ाम दीवाने ख़ास से कहे थे . बहादुर शाह की 199 वीं वर्षगाँठ के प्रोग्राम का आयोजन उसी जगह किया गया था और यह भी तारीख़ का पहला ही अवसर था जब कोई सियासी प्रोग्राम दीवान इ ख़ास से हुआ हो .और इसकी परमिशन स्वर्गीय शशि भूषण साहब ने अपनी कोशिशों से ली थी . ज़ाहिर है बहादुर शाह ज़फर की वर्षगाँठ थी तो लाल क़िले के दीवान ए ख़ास से ही इसका आयोजन भी होना चाहिए था .
रामविलास जी के निधन पर टाइम्स ऑफ़ पीडिया अपनी संवेदना और दुःख प्रकट करता है और दुआ करता है की रब उनके परिवार और ख़ास तौर से बेटे चिराग़ पासवान को आइंदा ज़िंदगी सुख , समृद्धि , ईमान के इन्साफ के साथ गुज़ारने की सद्बुद्धि दे .और रब हमेशा इंसानियत और इन्साफ तथा हक़ का साथ देने की सियासत पर चलने की तौफ़ीक़ आता करे .