उस्मानिया यूनिवर्सिटी भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में शुमार है। पर अभी फिलहाल इस विश्वविद्यालय को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हैं। खबरों के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने कथित तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कैंपस में गैर-राजनीतिक दौरे की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, अभी इसे लेकर आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन उस्मानिया यूनिवर्सिटी के इस फैसले ने तेलंगाना में नया सियासी विवाद पैदा कर दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्वविद्यालय में कार्यक्रम के आयोजकों को कार्यकारी समिति के कथित फैसले के बारे में लिखित जानकारी नहीं दी गयी गयी है। उधर विश्वविद्यालय के इस फैसले पर कांग्रेस की ओर से तेलंगाना राष्ट्र समिति की राज्य सरकार पर निशाना साधा जा रहा है है। वहीं खबरों के मुताबिक यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने राहुल गांधी को आने से रोके जाने के मामले में हाईकोर्ट का भी रुख कर लिया है। कांग्रेस नेताओं की ओर से रविवार को कहा गया कि उनकी ओर से 23 अप्रैल को कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगी गयी थी। उनकी ओर से कहा गया था कि उस्मानिया यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी का कार्यक्रम गैरराजनीतिक होगा।
उस्मानिया यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने बताया है कि साल 2017 से कार्यकारी परिषद की ओर से प्रस्ताव को अपनाया गया था जिसके तहत विश्वविद्यालय परिसर में सियासी बैठकों समेत गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के आयोजन पर कैंपस में रोक लगा दी गयी थी। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव जून 2017 में अमल में लाया गया था। उन्होंने बताया कि इसके एक साल पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यूनिवर्सिटी कैंपस में राजनीतिक और सार्वजनिक बैठकों की अनुमति नहीं देने के आदेश दिए थे। दरअसल, उस दौरान राजनीतिक गतिविधियों को लेकर लगातार हो रही परेशानी के चलते हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी।
अब राहुल गांधी को विश्वविद्यालय में आने देने से रोकने के फैसले ने एक नया राजनीतिक मुद्दा खड़ा कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ यूथ कांग्रेस के कई नेताओं और समर्थकों ने शनिवार को OU आर्ट्स कॉलेज में प्रदर्शन किया है। वहीं, इसके जवाब में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और टीआरएस से जुड़े छात्र संगठनों ने इस फैसले के समर्थन में प्रदर्शन किया है।