ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल काॅर्पोरेशन (GHMC) के चुनाव में भाजपा ने अपने स्टार नेता प्रचार में उतारे हुए हैं। दिलचस्प यह है कि जीएचएमसी में BJP ने पिछली बार सिर्फ चार सीट ही जीती थीं, जबकि TRS ने 99 और AIMIM ने 44 सीट जीतीं थीं। लेकिन इस बार भाजपा एंव मीडिया का गठजोड़ इस चुनाव को AIMIM बनाम भाजपा बना रहा है, जानते हो क्यो? यहां से अब मीडिया और भाजपा की सियासत को समझिए।
भाजपा चाहती है कि इस देश में सिर्फ दो पार्टी रहें एक हिंदू पार्टी दूसरी मुस्लिम पार्टी, इसके अलावा कोई पार्टी न रहे। हिंदू पार्टी के तौर पर भाजपा ने खुद को स्थापित किया है, जबकि मीडिया द्वारा मुस्लिम पार्टी के तौर पर AIMIM को स्थापित करने की सियासत जारी है।
ओवैसी मतलब मुसलमान, और मुसलमान मतलब भाजपा और मोदी विरोधी। यानी सारी कोशिश यह है कि सरकार के फैसले से सभी वर्ग खुश हैं सिवाय एक समुदाय विशेष के, दूसरी ओर मुसलमानों को भी यह संदेश दिया जाता है कि अगर इस देश में तुम्हारा कोई खेवनहार है तो वह सिर्फ ओवैसी ही है।
अब ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन (GHMC) जैसे चुनाव मे भी योगी आदित्यनाथ तथा अमित शाह जैसे स्टार नेता को प्रचार में उतारा गया है। भाजपा के पास यहां खोने के लिए कुछ नही है, लेकिन बताने को बहुत कुछ है। जैसे योगी ने कल अपनी सभा में कहा कि “जब फैजाबाद अयोध्या बन सकता है तो हैदराबाद भाग्यनगर क्यों नहीं बन सकता”। इस बयान पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा “कि जो शख्स हैदराबाद का नाम बदलना चाहता है उनकी नस्लें तबाह हो जाएंगी”।
ज़ाहिर है पिछले चुनाव में चार सीट जीतने वाली भाजपा इस बार 40 पर तो नहीं पहुंच सकती, लेकिन अगर वह दहाई का आंकड़ा पार करती तो भाजपा का मीडिया इसे भाजपा की ‘जीत’ के तौर पर ही बताएगा, वह बताएगा कि ओवैसी के ‘गढ़’ में भाजपा जीती है, जबकि सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित TRS की हार अथवा जीत को शायद ही मीडिया में जगह मिल पाए। क्योंकि इससे भाजपा का मुस्लिम पार्टी बनाम हिंदू पार्टी का ऐजेंडा सफल नहीं होता।
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