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क्या Russian President पुतिन का प्लान A फ़ैल ?

क्या Russian President पुतिन का प्लान A फ़ैल ?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ जंग की रणनीति बदल दी है और प्लान B संघर्ष को लम्बा खींच सकता है.

रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो उसकी सोच यह रही थी कि अपनी सैन्य शक्ति के बल पर वह चंद दिनों के अंदर यूक्रेन के सभी बड़े शहरों पर कब्जा कर लेगा, लेकिन पुतिन की Calculation फ़ैल होती दिख रही है .जिन बड़े शहरों पर रूस ने क़ब्ज़े का दवा किया था जैसे कीव, खार्किव, मारियुपोल और खेरसॉन अभी तक उसके नियंत्रण में पूरी तरह से नहीं आ पाए हैं.

1945 के बाद रूस -यूक्रेन के साथ बड़ा युद्ध लड़ रहा है, रूस अपने प्लान ‘A’ के बल पर यूक्रेन को झुका नहीं पाया तो अब उसने अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए प्लान ‘बी’ शुरू किया है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रूस के प्लान ‘B’ वाले इस रणनीतिक बदलाव पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें उसने कई पश्चिमी सैन्य विश्लेषकों और खुफिया एजेंसियों के दावे को आधार बनाया है. द वॉल स्ट्रीट की रिपोर्ट के अनुसार रूस की यह अगली योजना क्या है, और वह इसे कैसे अंजाम देना चाहता है इसपर विस्तृत जानकारी रखेंगे .

रूस के Plan A के चलते उसको यूक्रेन पर हमले के दौरान ताबड़तोड़ सैनिक कार्रवाई के साथ यूक्रेन की सेना को हथियार रहित पहला लक्ष्य था, जिससे वह यूक्रेन में घुसकर वहां की सत्ता उखाड़ फेंके. कीव के आसपास हवाई क्षेत्र पर कब्जा किया जाना रूस के यंत्रीकृत बलों को कई थ्रस्ट लाइनों के साथ आगे बढ़ना प्लानA का हिस्सा था.

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कीव और खार्किव पर 72-96 घंटों में कब्जा करने के लिए रूस ने हवाई में और ज़मीनी अभियान शुरू किया था बड़े पैमाने पर हवाई हमलों, मिसाइल, ड्रोन, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अभियानों के साथ रूसी फ़ौज जंग में उत्तरी थी . रूस के प्लान ‘A’ में यूक्रेन की मैक्जिमम लॉजिस्टिक और लड़ाकू क्षमता को नष्ट करना शामिल था.

इसकी प्रारंभिक सैन्य रणनीति कीव, खार्किव, मारियुपोल और खेरसॉन जैसे शहरों को अलग-थलग करना था . इसके जरिए वह यूक्रेन के सदर को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना चाहता था और प्रेजिडेंट ज़ेलेंस्की को मनोवैज्ञानिक, राजनीतिक और सैन्य सभी स्तरों पर तोड़ डालना चाहता था. यूरोपीय देशों के साथ-साथ अमेरिका ने भी यह कहा था कि रूस का लक्ष्य बिजली की तेजी से पूरे यूक्रेन पर कब्जा करना और ज़ेलेंस्की की सरकार की जगह रूसी समर्थक शासन को वहां स्थापित करना था. पर ऐसा अभी तक हो न सका.

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रूस का प्लान ‘बी’ क्या है?

प्लान A के तजर्बों की रौशनी में रूसी सेना यूक्रेन पर अपने हमलों में धीमी गति लाते हुए आगे बढ़ना चाहती है . उसकी रणनीति में यह परिवर्तन यूक्रेनी बलों के कड़े प्रतिरोध और अपनी सेना की रसद और सैन्य साजो सामान की सप्लाई चेन में समस्याएं खड़ी होने के कारण भी हुआ है. अपने आक्रमण के चौथे सप्ताह में रूसी सेना कीव के बाहरी इलाके में रुक गई है, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रणनीति बदल दी है. रूस का यह ‘प्लान बी’ संघर्ष को कई और हफ्तों, संभवतः महीनों तक बढ़ा सकता है.

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में सैन्य विशेषज्ञों के आकलन के आधार पर कहा गया है कि पुतिन नाकाबंदी की रणनीति पर लौट रहे हैं. कुछ जानकार विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन के उद्देश्य में और Straitegy में कोई ख़ास तब्दीली नहीं है , हालांकि मॉस्को अपने इस रणनीतिक बदलाव को स्वीकार नहीं कर रहा है और उसका दावा है कि वह निर्धारित डेडलाइंस में अपने सभी लक्ष्य हासिल कर रहे हैं.जबकि इस बीच फेक Stories , मीडिया प्रोपेगंडा , और साथ ही Doctored Videos का खेल भी लगातार दोनों ओर से जारी है .

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