अखिल भारतीय हिंदू महासभा के एक धड़े के सर्वेसर्वा चक्रपाणि महाराज का कहना है कि दिल्ली में जामा मस्जिद के नीचे औरंगजेब ने सैकड़ों हिंदू मूर्तियों को दबाया है और फिर मस्जिद बनाई है। हालांकि इतिहास यह कहता है कि इसे शाहजहां ने बनवाया है।
ज्ञानवापी, कुतुबमीनार, ताजमहल और दीपू सुल्तान के जमाने की मस्जिद के बाद हिंदू संगठनों के निशाने पर अब दिल्ली की जामा मस्जिद आ गई है। हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि का दावा है कि जामा मस्जिद के नीचे हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। उनका कहना है कि शाही इमाम से हमारी मांग है कि जामा मस्जिद की खुदाई कराने की अनुमति दें। इससे जो भी सच है वो सभी लोगों के सामने आ जाएगा।
स्वामी चक्रपाणि की मांग थी कि दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ रखा जाना चाहिए, क्योंकि नाम का बहुत महत्व होता है। स्वामी चक्रपाणि का दावा है कि अगर दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ किया जाएगा तो दिल्ली में बारिश भी होगी और खुशहाली भी आएगी।
जब देश का दिल यानी की राजधानी खुशहाल रहेगी तो पूरा देश ही खुशहाल होगा।
जामा मस्जिद देश की राजधानी दिल्ली में स्थित एक चर्चित मस्जिद है। बताया जाता है कि इसका निर्माण वर्ष 1656 में हुआ था। यह मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर का बना हुआ है। लाल किले से महज 500 मीटर की दूरी पर जामा मस्जिद स्थित यह देश की सबसे बड़ी मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण 1650 में शाहजहां ने शुरू करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि इस मस्जिद के निर्माण में 6 वर्ष का समय लगा था और उस समय इसके निर्माण में 10 लाख रुपये लगे थे। वर्तमान में यह रकम करोड़ों में है।
दिल्ली में बनी मस्जिद-ए जहां-नुमा यानि जामा मस्जिद में हर साल ईद के पवित्र अवसर पर सुबह विशेष नमाज अदा करने के लिए हजारों तीर्थयात्री यहां पर आते हैं। जामा मस्जिद परिसर में तकरीबन पच्चीस हजार लोगों की क्षमता है। हालांकि, पिछले 2 सालों से कोरोना के चलते वह भीड़ नहीं जुटती, जो पहले जुटती थी।
गौरतलब है कि जामा मस्जिद 1200 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। उसमे में तीन प्रवेश द्वार, चार मीनारें और दो मीनारें हैं जो चालीस मीटर ऊंची हैं। जामा मस्जिद दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में पड़ता है। यह खूबसूरत मुगल संरचनाओं से घिरा हुआ है।