हज के दौरान मिना में हादसे की वजह आई सामने , हुआ कुछ ऐसा !!
हज के मौके पर मिना के क़याम के दौरान एक इंतहाई अफसोसनाक विडिओ सामने आया है ,हालांकि हम इसको दिखाना नहीं चाहते थे
और न ही इसको पब्लिश करना मक़सद है बल्कि इसका मक़सद सऊदी हुक्काम को अलर्ट करना है ,ताकि वक़्त पर action होसके और आइंदा इस प्रकार की कोई हरकत हज के दौरान न हो !
हज के मौके पर मिना के क़याम के दौरान एक इंतहाई अफसोसनाक विडिओ
इस्लाम के इंतहाई एहम फ़रीज़े के मौके पर कुछ नासमझ या जाहिल लड़के ऐसे मौके पर जबकि वहां एक एक लम्हा क़ीमती होता है , लोगों के पास अपनी ज़रूरत पूरी करने का वक़्त नहीं होता , वो अपने वक़्त को ताश खेलकर गुज़ार रहे हैं ।ये लड़के मुझे किसी अरब देश के ही नज़र आरहे हैं ।
आज आलमे इस्लाम बदतरीन हालात से दो चार है उसकी एक वजह इस्लाम की हैबत और हलावत दिलों से निकल जाना है ,और “अम्र बिन मअरूफ़ व अनिल मुनकर ” का छोड़ देना है । और यह तो मुझे बिलकुल क़यामत का क़ुरब ,(नज़दीकी ) नज़र आरहा है , ताश खेलना आम हालात में भी बुरा अम्ल कहलाता है नाकि मुक़द्दस मक़ामात और वक़्त में यह अमल इंतहाई अफसोसनाक और क़ाबिल ए गिरफ़्त भी है ।
मिना में जान लेवा तूफ़ान आने की वजह , हाजिओं के आमाल का नतीजा
हज इस्लाम के अरकान में से एक अल्लाह को राज़ी करने , मनाने और उम्मत के गुनाहों की मुआफी का रुकुन है ,ऐसे में यह विडिओ बहुत एहम है , इन बदकारों की शनाख्त करके उनको सख्त सजा की हम मांग करते हैं ,और सऊदी हुक्काम इसपर तुरंत संज्ञान लें , इस तरह तो लोग वहां दूसरी अय्याशियां करने लगेंगे , क्योंकि वहां तो औरत और मर्द हज के सारे आमाल साथ ही करते हैं ।और वहाँ बार बार होने वाले हादसात कि एक बड़ी वजह यह भी है , वहां पहुंचे बदमाल लोगों कि नहूसत होती है जिसमें कई मासूम और बेगुनाह उसका शिकार होजाते हैं ।इस पर तुरंत संज्ञान लिए जाने की ज़रुरत है ।
रहा इंसानी आज़ादी का सवाल , तो अगर कोई शख्स नमाज़ के दौरान गाना गाने लगे या कोई और दूसरा अमल करने लगे तो क्या उसको सही कहा जा सकता है , नहीं हरगिज़ नहीं , इस्लाम खुअहिशात और आज़ादी से चलने का नाम नहीं है , इस्लाम पाबंदियों और हुदूद (limits ) में रहने का नाम है।
हम आज ही इस सम्बन्ध में सऊदी Concern agencies को सऊदी एम्बेसी के माध्यम से सूचित करके उसपर कार्रवाई करने की मांग करेंगे ।याद रहे इस खबर का असल मक़सद ख़ातियों (खता करने वालों ) को इस गुनाह से दूर रहने की तरग़ीब मक़सद है ।हालांकि इसके अलावा हज के मौके पर जाहिल हाजियों के और भी बहुत से आमाल हैं जिनपर हुकूमत की निगाह मर्कूज़ कराने की ज़रुरत है लेकिन सरे दस्त यह विडिओ ही सामने है ।
बाक़ी दीगर मसलों पर अलग से सऊदी हुकूमत को मुत्तला करेंगे ।जबकि हाजियों को अपने अपने मुल्कों में तरबियत के camps organize करने का नज़्म है ।मगर अक्सर हज पर आने वाले लोग तरबियती camps में जाने को हलके में लेते हैं जिसकी वजह से ऐसा होता है ।दरअसल दीन की बातों का मुज़ाकरा हर मौके पर होना ज़रूरी होता है , अल्लाह के रसूल सहाबा को अक्सर हलक़े (circles) लगाकर सीखने सिखाने का अमल किया करते थे ।
हम अपने सभी प्यारे रीडर्स और वीवर्स से दरखुआसत (निवेदन ) करते हैं कि अगर आपको भी कभी कोई ऐसी खबर या विडिओ मिलती है जो समाज या इंसानियत के लिए बेहतर साबित हो सकती है तो हमसे ज़रूर राबिता करें , और एक जागरूक इंसान और नागरिक होने के फ़रीज़े को अंजाम दें चूँकि हर फ़र्द (व्यक्ति ) को अपनी ज़िंदगी का हिसाब देना होगा और उस दिन सिर्फ नेक आमाल ही निजात (मोक्ष ) का ज़रिया होंगे । टॉप ब्यूरो स्पेशल