From Editor’s Desk
Ali Aadil Khan
लोकतंत्र खतरे में है की बात अब कई Platforms से उठाई जाने लगी है …अखिलेश यादव के अलावा अब अरविन्द केजरीवाल भी लोकतंत्र को खतरे में बताने की बात कर रहे हैं , हालाँकि केजरीवाल दिल्ली नगर निगम के चुनावों को टालने के सम्बन्ध में यह बात कह रहे हैं , लेकिन कहीं न कहीं मामला सत्ता से जुड़ा है …इसी के चलते देश में एक बार फिर चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा गरमा गया है.
आपको बता दें पूरी दुनिया में लगभग 200 देश हैं, जिनमें से 56 देश लोकतान्त्रिक हैं .लेकिन उनमें से सिर्फ 20 देशों में ही चुनावों के लिए ईवीएम इस्तेमाल की जाती है . जिनमें भारत के अलावा ब्राजील, फिलीपींस, बेल्जियम, एस्टोनिया, संयुक्त अरब अमीरात, वेनेजुएला, जॉर्डन, मालदीव, नामीबिया, नेपाल, भूटान , मिस्र जैसे देश शामिल है. Pause
ईवीएम पर सारे आधुनिक देशों ने जताया संदेह
- हम आपको बता दें दुनिया के कई देशों ने ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर बैन लगा रखा है. इसमें जर्मनी, नीदरलैंड और अमेरिका जैसे बड़े और विकसित देश भी शामिल हैं.
ईवीएम में छेड़छाड़ का मुद्दा इसलिए खास हैं क्योंकि इससे जनभावनाएं और लोकतांत्रिक अधिकार जुड़े हुए हैं. ऐसे में ईवीएम के विरोध में उठती आवाजों ने आम लोगों में भी ये डर भी बढ़ा दिया है …… कि क्या सच में ईवीएम से छेड़खानी हो सकती है? और क्या अब EVM के ज़रिये ही देश की जनता पर शासन हो रहा है …. जी बिलकुल इसकी पूरी संभावनाएं हैं ..इसीलिए दुनिया के तमाम विकसित देशों में पाबन्दी लगा दी गयी है , वहां लोकतान्त्रिक आज़ादी पर सच्चाई से अमल होता है .जबकि आज़ादी के बाद भारत में हर एक दौर में लोकतंत्र के साथ मज़ाक़ होता रहा है . Pause
The Hindu में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी के एक लेख के मुताबिक,
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल कई देशों ने शुरू किया था. लेकिन सिक्योरिटी और एक्यूरेसी को लेकर इन मशीनों पर सवाल उठने लगे.
- साल 2006, में ईवीएम का इस्तेमाल करने वाले सबसे पुराने देशों में शामिल नीदरलैंड ने इस पर बैन लगा दिया.
- साल 2009 में जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम को असंवैधानिक बताते हुए और पारदर्शिता को संवैधानिक अधिकार बताते हुए ईवीएम पर बैन लगा दिया tha ……
- नतीजों को बदले जाने की आशंका को लेकर नीदरलैंड और इटली ने भी ईवीएम पर बैन लगा दिया Gaya Hai .
- क़ाबिले ग़ौर बात यह है की इंग्लैंड और फ्रांस में कभी भी ईवीएम का इस्तेमाल नहीं हुआ है
तकनीक में बेहद आधुनिक देश अमेरिका में वोट परंपरागत तरीके से यानी बैलेट बॉक्स से होता है. वे मशीन सिस्टम यानी ईवीएम पर कतई भरोसा नहीं करते.
भारत में EVM की तारीख़
भारतीय चुनाव में ईवीएम का पहली बार इस्तेमाल मई, 1982 में केरल के परूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के 50 मतदान केन्द्रों पर हुआ था , Lekin साल 2004 से EVM का इस्तेमाल चुनाव में मतदान के लिए बाक़ायदा चल रहा है , और हर बार EVM की Acuracy और Security पर सवाल उठते हैं …..
भारतीय चुनाव की तारीख़ में ईवीएम का पहली बार इस्तेमाल मई, 1982 में केरल के परूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के 50 मतदान केन्द्रों पर हुआ था , लेकिन साल 2004 से EVM का इस्तेमाल चुनाव में मतदान के लिए बाक़ायदा चल रहा है , लेकिन हर बार EVM की Acuracy और Security पर सवाल उठते रहे हैं …..
अब आइंदा कब तक भारत इस भर्म से बाहर आएगा कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन यह तै है की जिस रोज़ BJP को इसका नुकसान समझ में आया उसके बाद इसको ख़त्म करने का बीड़ा भी वही उठाएगी , क्योंकि बहुत सी चीज़ें मोदी जी के रहते ही मुमकिन हो पाई हैं ……
2019 लोक सभा चुनाव के नतीजों के बाद NDA के दोबारा प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने को लेकर EVM Scandal की चर्चा ज़ोरों पर थी .इसी दौरान बामसेफ के अधयक्ष वामन मेश्राम ने ‘ईवीएम भंडाफोड़ परिवर्तन यात्रा‘ भी शुरू की थी . जो जम्मू कश्मीर से 26 जून 2019 को शुरू हुई और 3 दिसंबर को तेलंगाना के हैदराबाद में खत्म हुई. 180 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 17 राज्यों के 180 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुज़री थी
लेकिन नतीजा वही धाक के तीन पात . आपसे अगली Video में होगी मुलाक़ात तब आप अपना और अपने इर्द गिर्द का ख्याल रखियेगा ……