[]
Home » SELECT LANGUAGE » HINDI » हसीना कहाँ हैं इस वक़्त ? पूरी जानकारी रिपोर्ट देखें
हसीना कहाँ हैं इस वक़्त ? पूरी जानकारी रिपोर्ट देखें

हसीना कहाँ हैं इस वक़्त ? पूरी जानकारी रिपोर्ट देखें

बांग्ला देश में असहयोग आंदोलन , हसीना ने छोड़ा देश

स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के परचम तले आयोजित ‘असहयोग आंदोलन ’ में भाग लेने पहुंचे लाखों विद्यार्थी

बांग्लादेश में क्यों हुआ तख्तापलट, शेख़ हसीना से क्यों नाराज़ हैं लोग?

हसीना कहाँ हैं इस वक़्त ? पूरी जानकारी के साथ यह रिपोर्ट देखें

Sheikh Hasina: शेख हसीना के 15 साल के शासन में बांग्लादेश ने आर्थिक प्रगति की. मगर फिर भी लोग उनसे इतने नाराज हो गए कि उन्हें इस्तीफा देकर देश से भागना पड़ा. आख़िर क्या रही वजह , क्यों हुआ असहयों आंदोलन . ये ऐसे सवाल हैं जिसके लिए बांग्ला देश की तारिख पर नज़र डालनी होगी .

BANGLADESH COUP: बांग्लादेश में पिछले कई हफ्तों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया . और वह देश छोड़कर चली गई हैं. बांग्लादेश में रविवार (4 अगस्त) को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई . जिसमें 13 पुलिसकर्मियों समेत कम-से-कम 100 लोग मारे गए थे. इसके बाद पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया और देश के एक बड़े हिस्से में इंटरनेट बंद कर दिया गया. रविवार की हिंसा के बाद विरोध ने भयानक रूप ले लिया .

सोमवार को हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के बावजूद ढाका की सड़कों पर उतर आये और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके सरकारी आवास की ओर बढ़ने लगे. फ़ौज ने शेख हसीना को उनके आवास से सुरक्षित निकाला और उनको देश से निकलने का मौक़ा मिल गया .

याद रहे बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शन पिछले महीने शुरू हुए थे, और तब से वहां हुई हिंसा में लगभग 300 लोगों की जान जा चुकी है. गैर सरकारी सत्रों की मानें तो मरने वालों की संख्या १००० तक होसकती है .

वर्ष 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र देश बनने के बाद से बांग्लादेश में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार हिंसा हुई है. हालाँकि 1975 अगस्त 15 को भारी बगावत का माहौल था जिसमें कई आला फौजी अफसरों को गोली मार दीगई थी .

प्रदर्शन कैसे शुरू हुआ?

बांग्लादेश में प्रदर्शन जुलाई के आरंभ में शुरू हुए. वहां यूनिवर्सिटी छात्र शांतिपूर्वक सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे थे. आंदोलनकारी छात्रों की मांग थी कि नौकरियों में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान के खिलाफ मुक्तियुद्ध में हिस्सा लेने वाले योद्धाओं के परिवारों के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था को ख़त्म किया जाना चाहिए .

READ ALSO  बैंकों को लगेगा एक और बड़ा झटका ,S Kumar 's दीवालिया घोषित ?

इस मांग को लेकर 1 जुलाई से University छात्रों ने धरना शुरू किया. मगर शेख हसीना ने प्रदर्शनों को बागी और रज़ाकार का नाम देकर बदनाम करने की कोशिश की . इससे छात्र काफी नाराज़ हो गए और यह आंदोलन उग्र होता गया . 19 जुलाई को वहां प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 67 लोगों की मौत हो गई.

इसके दो दिन बाद, 21 जुलाई को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने भी नौकरियों में एक तिहाई आरक्षण के विरोध में फैसला दिया और आरक्षण की सीमा को घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला सुनाया. मगर छात्र इससे संतुष्ट नहीं हुए और वह इस आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करने की मांग करते रहे. सरकार के दमनकारी और तानाशाह रवैये से छात्रों में रोष बढ़ता गया .

इसके बाद देखते-देखते यह प्रदर्शन सरकार विरोधी प्रदर्शन में बदल गया. और इस विरोध को असहयोग आंदोलन में तब्दील होते ज़्यादा समय नहीं लगा . सरकार ने छात्रों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए सुलह और बातचीत की जगह दमन की नीति अपनाई और लगभग 10,000 लोगों को हिरासत में ले लिया गया .

लोग शेख हसीना से क्यों नाराज हैं?

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की बड़ी चर्चा होती है और वह दुनिया की सबसे तेजी से प्रगति कर रही अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता रहा है. शेख हसीना के 15 वर्ष के शासनकाल में बांग्लादेश की तस्वीर बहुत बदली है.

मगर बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति का लाभ आम नागरिक को नहीं मिल पाया जिससे वहां आर्थिक असमानता बढ़ती गई . और यह भी नाराज़गी का एक बड़ा कारण बना .

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ बांग्लादेश में लगभग 2 करोड़ युवाओं के पास नौकरियां नहीं हैं. यूनिवर्सिटी से पढ़े छात्रों में बेरोजगारी की दर काफ़ी ज्यादा है.बांग्लादेश टेक्स्टाइल के क्षेत्र में एक बड़ा नाम है और वहां बने रेडिमेड कपड़े सारी दुनिया में निर्यात होते हैं. इस उद्योग में लगभग 40 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. मगर इन नौकरियों में कॉलेजों के पढ़े-लिखे छात्रों के लिए संभावनाएं बहुत कम हैं.

READ ALSO  हाइपरसोनिक व्हीकल ट्रायल का सफल परीक्षण : ISRO

इन्हीं सब वजहों से बांग्लादेश में असंतोष बढ़ता जा रहा था और छात्रों का आरक्षण विरोधी आंदोलन सरकार विरोधी और असहयोग आंदोलन में बदल गया और शेख हसीना की सत्ता गिर गई.

हसीना कहाँ हैं इस वक़्त ?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को दक्षिण एशियाई देश में उनकी सरकार के पतन के बाद अंतरिम प्रवास की अनुमति दे दी है।

इस अवधि के दौरान, हसीना को ब्रिटेन में शरण लेने के लिए भारत सरकार व्यापक रसद सहायता प्रदान करेगा। ब्रिटेन में उनके स्थानांतरण तक, भारत में उनके प्रवास को केवल अस्थायी रूप से मंजूरी दी गई है। क़ुदरत का कैसा निज़ाम है कल तक जो भारत की मेहमान थीं आज वो शरणार्थी के रूप में पनाह गुज़ीं हैं .

अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद सोमवार को इस्तीफा देने वाली हसीना भारत के रास्ते लंदन जा रही हैं। ताज़ा जानकारी मिलने तक , बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री को राजनीतिक शरण देने के संबंध में ब्रिटेन सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।

हसीना वर्तमान में ब्रिटेन में शरण मांग रही हैं, उनके साथ उनकी बहन रेहाना भी हैं, जो ब्रिटेन की नागरिक हैं। रेहाना, “बांग्लादेश के जनक” शेख मुजीबुर रहमान की छोटी बेटी हैं, जो शेख हसीना की छोटी बहन भी हैं।

रिहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक लेबर पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं। इस बीच, भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली , ढाका में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर नज़र बनाये हुए है।

ढाका में, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने कहा कि हसीना ने इस्तीफ़ा दे दिया है और फ़ौज अंतरिम सरकार की ज़िम्मेदारियाँ संभाल रही है। उन्होंने टेलीविज़न पर दिए गए संबोधन में कहा, “मैं (देश की) सारी ज़िम्मेदारी ले रहा हूँ। कृपया सहयोग करें।”

सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की है और उन्हें बताया है कि सेना कानून और व्यवस्था की ज़िम्मेदारी संभालेगी।

Please follow and like us:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

five + 10 =

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Scroll To Top
error

Enjoy our portal? Please spread the word :)