इंसान कितना ही दुनिया में रहने की तमन्ना कर ले उसके लिए जो चाहे जतन कर ले आखिर मौत है और मौत से पहले बीमारी है , लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री रहे शिंजो आबे ने आखिर अपने पद से इस्तीफा दे ही दिया । स्थानीय मीडिया ने बताया कि उनकी लगातार बिगड़ती सेहत के मद्दे नज़र यह फैसला लिया है। कहा जाता है कि 65 साल के आबे लंबे समय से पेट से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे हैं। इस दौरान उन्हे कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। पिछली बार वह हॉस्पिटल में करीब 7 घंटे तक रहे थे।
जापान के प्रधान मंत्रियों की लिस्ट में सबसे लंबे समय तक प्रधान मंत्री रहे आबे ने एक समाचार ब्रीफिंग के दौरान पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। आबे ने कहा कि वह अपने संभावित उत्तराधिकारियों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
जापान के नेशनल ब्रोडकास्टर NHK ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि शिंजो आबे ने इस्तीफा देने का इरादा किया है क्योंकि उनकी सेहत खराब हो गई है हालाँकि उन्हें इस बात की फ़िक्र है की उनके इस्तीफे के बाद देश में परेशानी होगी। शिंजो आबे का कार्यकाल सितबंर 2021 तक था।
हालांकि, स्वास्थ्य कारणों की वजह से उन्हें 2007 में भी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सोमवार को शिंजो आबे ने अपने कार्यालय में 8 साल पूरे किए थे और वह जापान के सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बन गये थे। इससे पहले यह रिकार्ड उनके चाचा इसाकु सैतो के नाम था। हाल के दिनों में कोरोना वायरस को ठीक से नहीं संभालने पर उनकी लोकप्रियता में भी करीब 30 प्रतिशत की कमी आयी है।
65 साल के आबे ने देश की अर्थववस्था को फिर से पटरी पर लाने का वादा किया था। जबकि इससे पहले 24 अगस्त को कैबिनेट सेक्रेटरी योशि हिडे सुगा ने शिंजो आबे की सेहत को लेकर चल रही चर्चाओं को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि आबे बिल्कुल ठीक हैं और रूटीन जांच के लिए हॉस्पिटल आ रहे हैं।इसके बावजूद आबे ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर डाला .