मालेगांव ब्लास्ट केस में बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की कोर्ट में पेशी
मालेगांव बम धमाके की आरोपी और बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर शुक्रवार को एनआईए कोर्ट में सुबह 11 बजे पेश हुई .प्रज्ञा को गुरुवार के दिन भी कोर्ट में होना था पेश , पहुंच नहीं सकी
नई दिल्ली: मालेगांव बम धमाके की सज़ायाफ्ता आरोपी और बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर शुक्रवार को NIA कोर्ट में पेश हुई . इस हफ्ते में यह दूसरा मौका था, जब वह कोर्ट में पहुंच नहीं सकीं थीं . उनके वकील प्रशांत मागू ने कोर्ट को बताया , वह हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं और सफर नहीं कर सकतीं.
याद रहे प्रज्ञा को गुरूवार को भी अदालत में हाज़िर होना था ,अदालत ने उन्हें एक दिन की मोहलत देते हुए शुक्रवार को पेश होने के लिए निर्देश दिया ,शुक्रवार को अदालत न पहुँचने कि सूरत में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया तो मालेगांव आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को हाज़िर होना ही पड़ा .
वहीं, प्रज्ञा ठाकुर की सहयोगी उपमा ने समाचार एजेंसी को बताया था कि एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह उपचार के लिये अस्पताल लौट जाएँगी . उपमा ने कहा था, ‘उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उनको उपचार के लिये रात अस्पताल में भर्ती किया गया था. वह पेट की बीमारी से पीड़ित हैं .
बीजेपी कार्यकर्ताओं के जोर देने पर उन्हें एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिये सुबह अस्पताल से जाने दिया गया लेकिन इसके बाद वह उपचार के लिये अस्पताल वापस आ जायेंगी क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है.’
आपको याद होगा प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हाल ही में हुए लोकसभा के आमचुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट पर पराजित किया था.प्रज्ञा को स्वास्थ्य ख़राब होने के चलते ज़मानत पर छोड़ा गया था , याद रहे 2008 में हुए भयानक मालेगांव बम विस्फोट के मामले में आरोपी हैं .
मालूम हो कि इस सप्ताह अदालत में पेश होने से छूट देने का प्रज्ञा का आवेदन, सोमवार को NIA जज वीएस पडालकर ने खारिज कर दिया था. आवदेन में प्रज्ञा ने कहा था कि उन्हें संसद की औपचारिकताएं पूरी करनी हैं. अदालत ने इस पर कहा कि मामले में इस स्तर पर अदालत में उसकी उपस्थिति आवश्यक है.
दागी और अपराधी सांसदों कि सही संख्या का अभी अंदाजा नहीं है किन्तु यह सच है कि आपराधिक प्रवर्ति के लोगों कि संख्या देश के संसद में लगातार बढ़ रही है जिससे संसदीय प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगना भी स्वाभाविक है .
आपको याद होगा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बताया था . सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में मध्यप्रदेश की भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने भी अब महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को कथित तौर पर ‘राष्ट्रवादी’ बताया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है.
लेकिन सवाल यह पैदा होता है की इस विवाद से राष्ट्रवाद और गांधीवाद का दम भरने वालों के अंदर कुछ दम बचा है जो नाथुरामवाद की विचार धारा को परास्त कर सके ?
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