Ali Aadil Khan
Editor’s Desk
अज़्मे मोहकम हो तो होती हैं बलाएं पस्पा
कितने तूफ़ान पलट देता है साहिल तनहा |||
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के मैसूर में भारी बारिश के दरमियान जनसभा को सम्बोधन जारी रखा | ज़ाहिर है यह ऐसी घटना थी जिसको सामने आना ही था | हालाँकि विपक्ष ने उसको भी स्टंट का नाम दे दिया |
दरअसल लगन , आस्था और किसी लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प ऐसी ही चीज़ है फिर उसके बीच आने वाली बड़ी से बड़ी रुकावट भी मामूली लगती है | और राहुल पहले ही कह चुके हैं की अब इस यात्रा को कोई नहीं रोक सकता उसी संकल्प के साथ यह यात्रा लगातार अपने सफर पर अग्रसर है |
इस यात्रा से जहाँ एक तरफ कांग्रेस पार्टी और संगठन को मजबूती मिल रही है वहीँ दूसरी तरफ लोगों के दिलों से नफरत और खौफ भी कम होता दिखाई दे रहा है | माहौल थोड़ा बदल रहा है | यह अलग बात है की नफरत की राजनीती करने वालों ने भी अपनी डगर बदलते हुए योजना में परिवर्तन किया है |
भारत जोड़ो यात्रा के जरिये अगर राहुल गांधी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भर सकें तो यह भी एक बड़ी उपलब्धि कही जायेगी | क्योंकि एक अर्से से मौक़ा परस्त कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर अपनी सत्ता की भूक मिटाने के लिए और कुछ अपने कुकर्म छुपाने के लिए सत्ताधारी पार्टी के संरक्षण में जा रहे थे |उससे कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव नजर आने लगा था | इस यात्रा के बाद उसपर विराम ज़रूर लगेगा , साथ ही कांग्रेस में नई ऊर्जा का प्रवेश होगा ।
हुआ दरअसल यह कि राहुल जैसे ही जुटी भीड़ को सम्बोधित करने मंच पर पहुंचे तभी तेज बारिश होने लगी | इस बीच राहुल रुके नहीं और अपनी स्पीच जारी रखी| हालाँकि मंच पर मौजूद लोगों ने कहा भाषण रोक कर बारिश से बचा जाए लेकिन राहुल नहीं रुके |
इस भाषण के दौरान का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं | कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ इसे पॉलिटिकल स्टंट बता रहे हैं | हालाँकि इसमें स्टंट जैसा कुछ है नहीं , लेकिन जिनकी सियासत का आधार ही स्टंट बाज़ी हो उनको राहुल का हर अमल स्टंट ही दिखाई देगा |
लेकिन यह सही है की राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिल रही है | लेकिन कांग्रेस के दरिया में उपजे कई फूल इसमें कीचड पैदा करने की कोशिश करते रहे हैं जिनसे सावधान रहना कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के लिए बेहद आवश्यक है |
समय समय पर जय चंद्रों की कोशिश कांग्रेस को कमज़ोर करने होती रही है | जिससे पार्टी को नुकसान हुआ है और भविष्य में भी पार्टी और देश के लिए नुक़सानदेह हो सकती है |
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