पानी का संकट लगातार गहराया ,चेन्नई में पानी पर हत्या लूट मार
धरती पर पानी,सूरज की किरण और हवा इंसान के लिए रब का एक वरदान है ,धरती पर अगर इन तीनो में से कोई एक न हो तो मानव जीवन की कल्पना ही समाप्त होजायेगी ।लेकिन धरती पर इंसानियत के दुश्मन हमेशा से रहे हैं जो समय समय पर कुदरती निज़ाम (प्राकृतिक व्यवस्था ) के साथ छेड़ छाड़ करते रहते हैं जिससे सृष्टि के रचयता (रब) को बन्दों की इन हरकतों पर नाराज़गी स्वाभाविक है ।
हालांकि हमारा रब , बन्दों की ग़लतियों को दर गुज़र करता ही रहता है मगर जब नाफ़रमानियां और सरकशी हद से बढ़ जाती है तब उसका केहर जोश में आता है और फिर इंसान की तबाही मुक़द्दर बन जाती है ।
आज जो कुछ भी धरती पर इंसान कर रहा है वो अधिकतर अप्रकर्तिक है ,और सीधे अपने बनाने वाले को चैलेंज करता नज़र आता है इंसान ।
लेकिन क़ुदरत के आगे किसकी चली है ।
आज देश और दुनिया में जल संकट तेज़ी से गहराया जा रहा है , जगह जगह से पानी पर होती मारा मारी के समाचार सामने आ रहे हैं ,आज भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु से खबर है , वहां जल संकट गहराता जा रहा है पानी के स्रोत सूखे पड़े हैं और मॉनसून भी अभी आता नज़र नहीं आ रहा ।
पानी का संकट इतना विकट हो गया है कि चेन्नई शहर के कई इलाक़ों से पानी को लेकर झड़पों की ख़बरें आने लगी हैं। कुछ इलाक़ों में लोगों को सात-आठ किलोमीटर तक पानी लेने के लिए जाना पड़ रहा है।
हालात इतने ख़राब होते जा रहे हैं कि शहर के ढाबों ,रेस्त्रां और आईटी कंपनियों तक का काम प्रभावित हो रहा है। चेन्नई में 65 फ़ीसदी तक रेस्त्रां पानी के संकट से प्रभावित हैं।
होटल मालिकों की एसोसिएशन का कहना है कि पानी इतना महंगा हो गया है कि इससे व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। ये जल संकट सिफ़ चेन्नई तक ही सीमित नहीं है।
कुछ दिन पहले ही तमिलनाडु के थंजावुर में सार्वजनिक टंकी से सीमित पानी लेने को लेकर हुए एक झगड़े में आनंद बाबू नाम के सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी।
महाराष्ट्र के चिंचोली गॉंव की स्टोरी हमने कल ही आपके लिए अपने वेब पोर्टल पर डाली थी , जहाँ पानी अब राशन से मिलता है और इस बात की पूरी संभावना है अब संकट वाले इलाक़ों में पानी राशन से ही मिलेगा ।और इससे भी आगे की बात यह कही जा रही है की पानी भी पेट्रोल की तरह पम्पों पर मंहगा मिलेगा ।
सवाल यह है की यह नौबत क्यों आई है , क्या इसके लिए धरती के जानवर ज़िम्मेदार हैं , परिंदों के कुछ गुनाह बढ़ गए हैं नहीं बल्कि यह सर्वोपरि मानव जीव बुराई और नाफरमानी में शैतानो और हैवानो से भी आगे निकल गया है , जिसकी सजा अब इसको भुगतना ही है । लेकिन यहाँ एक सवाल पैदा होता है की धरती पर कुछ लोग भले भी हैं या ईश्वर के रब के क़रीबी कहलाते हैं , तो याद रखो उन्ही की वजह से और मासूम परिंदों और जानवरों की वजह से ही रब ने धरती को बचा रखा है वरना इंसान ने अपनी बर्बादी में कोई कसार नहीं छोड़ी है ।
एक दूसरी बात यह है की धरती पर नेक लोग अपनी नेकी के कामों को अपने हद तक ही रखते हैं जबकि भलाई और नेकी खुशबू की तरह है जिसको फैलाना चाहिए परन्तु लोग अपनी नेकी पर मुतमईन होकर बैठ जाते ह ें और नतीजे में आसमान से अज़ाब शुरू होजाता है ।
इसी लिए रब का हुक्म है की ऐ नेक लोगो यानि मोमिनो ,इंसानो को भलाई की बातों का हुक्म करते रहो और बुराइयों से रोकते रहो , यही तुम्हारे हक़ में और इंसानियत के हक़ में है ।
दुसरे हमारे हाकिमों यानि बादशाहों और मुल्क के ज़िम्मेदारों या सत्ता धारियों ने इन्साफ छोड़ दिया ,हैस्ले क़ौम ,मज़हब और बरादरी देखकर होने लगा ,यानी फैसला ज़ालिम और मज़लूम के आधार पर नहीं बल्कि अपने और पराये के आधार पर होने लगे ,ज़ुल्म बढ़ गया , हया और शर्म ख़त्म होगई , मर्द औरत और औरत मर्द बनने लगे , आज़ादी , तरक़्क़ी और विकास के नाम पर पृकृति से खिलवाड़ होने लगी, ज़ालिम , क़ातिल , गुंडे , बदमाश ओहदों और मनसबों पर बैठ गए ।
तो कब तक वो हमारे गुनाहों को दर गुज़र करे आखिर एक रोज़ पकड़ तो आनी ही है , फिर इंसान इतना हठधर्म हो गया है की कभी तौबा के लिए रब के हुज़ूर में झुकता नहीं माफ़ी के लिए अपने हाथ उठाता नहीं , जब थोड़ी सी परेशानी या मुसीबत आती है तो गिड़गिड़ाने लगता है ,हालात ठीक होजाते हैं फिर वही मन मर्ज़ी और शैतान से दोस्ती । अच्छे हालात में रब कभी याद अवाम को आती ही नहीं , सिवाए चंद को छोड़कर ।
इसी लिए धरती पर अब तरह तरह के छोटे बड़े अज़ाब शुरू होगये हैं जो एक रोज़ महा प्रलय में तब्दील होजाएंगे और इंसान को माफ़ी का मौक़ा तक न मिल सकेगा ,अचानक मौत आ दबोचेगी और इसके सामने इसके तमाम कर्म रख दिए जाएंगे , फिर यह तमन्ना और आरज़ू करेगा ऐ मेरे रब अब मुझे धरती पर दोबारा भेज दे , पालक झपकने को भी तेरी ना फ़रमानी नहीं करूँगा तेरा बंदा बनके ज़िंदगी गुज़ारूंगा , मगर अब पछताए क्या होत है जब चिड़िया चुग गयी खेत ।टॉप ब्यूरो