मोदी की रैली के लिए किसानों की खड़ी फ़सल पर चला बुलडोज़र , सैनिकों का भी किया अपमान
अखनूर में भाजपा उम्मीदवार व प्रधानमंत्री का भाषण आचार संहिता का उल्लंघन :पैंथर्स पार्टी
आइये पहले चुनाव आचार संहिता के बारे में समझते हैं , चुनाव आचार संहिता का मतलब यह है के चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है।
अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
राज्यों में चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती हैं। सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। वे आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करेंते हैं।चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं।
प्रधान मंत्री ,मुख्यमंत्री या कोई मंत्री अब न तो कोई घोषणा कर सकेंगे, न शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन। यानी सरकारी खर्च से ऐसा कोई आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगला का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है.
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उपरोक्त नियमों के परिपेक्ष में ज़रा इस रिपोर्ट को देखलें —
जम्मू-पुंछ लोकसभा क्षेत्र से पैंथर्स उम्मीदवार प्रो.भीमसिंह ने भाजपा और उसके इस क्षेत्र से उम्मीदवार के खिलाफ भारतीय चुनाव आयोग से उचित कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मार्च, 2019 को अखनूर (सीमावर्ती शहर) में अपने भाषण के दौरान चुनाव नियमों और आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
पैंथर्स उम्मीदवार ने चुनाव आयोग को पत्र में बताया कि भारत-पाक अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 20 कि.मी. दूर प्रधानमंत्री के किसानों को सम्बोधित करने के लिए बनाये गये स्टेज की लगभग 75 कनाल कृषि भूमि पर राज्य सरकार ने बुलडोजर चलवा दिया।
रिपोर्टों के अनुसार किसानों को प्रति कनाल 30 हजार रुपये दिये गये। इस तरह प्रधानमंत्री के चुनाव अभियान स्टेज के लिए राज्य सरकार ने कुल मिलाकर लगभग 30 लाख रुपये खर्च किये। इसके अलावा प्रधानमंत्री के इस चुनावी कार्यक्रम पर 5 लाख रुपये खर्च किये गये। लगभग एक लाख कुर्सियां 40 कि.मी. दूर जम्मू से लायी गयीं और 300 बसों को इंतजाम किया गया, जिसका खर्चा राज्य सरकार ने वहन किया।
उन्होंने पत्र में कहा कि इन सबके अलावा प्रधानमंत्री ने अपना भाषण इन शब्दों पर खत्म किया कि ‘हम ये सब कुछ कर रहे हैं, आपके वोट के लिए‘। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए ये शब्द आचार संहिता की अवहेलना है। प्रधानमंत्री का भाषण हमारे सैनिकों का अपमान भी है, जो हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।
वे सीमाओं पर सेना के जवान के रूप में लड़ते हैं, ना कि चौकीदार के रूप में। चौकीदार हमारे नागरिकों का एक वर्ग है। प्रधानमंत्री ने चौकीदार शब्द का प्रयोग किया, जो हमारे समाज के सभी वर्गों से मेल नहीं खाता। चौकीदार सभी वर्गों से केवल एक वर्ग है।
पैंथर्स सुप्रीमो ने इस कार्यक्रम के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के लिए चुनाव आयोग से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री के अखनूर में आचार संहिता के उल्लंघन करने के पूरे मामले की भी जांच कराने की मांग की। courtesy Hastakshep