मोदी सरकार राम मंदिर निर्माण का वादा पूरा करे : RSS
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा कि 2014 के भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभव प्रयास करने का वादा किया गया था. इसलिए मोदी सरकार को अपने कार्यकाल में ही राम मंदिर निर्माण का वादा पूरा करना चाहिए, क्योंकि उसे इस आश्वासन के आधार पर ही सत्ता मिली .
इस प्रस्ताव में भाजपा ने कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा क़ानून बनाने का प्रयास करेंगे. इस वादे पर ही भारत की जनता ने उनपर विश्वास व्यक्त कर भाजपा को बहुमत दिया था. आरएसएस के दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि आरएसएस ने कहा कि राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियां मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम प्रतीत होती हैं.
दूसरी तरफ, आरएसएस के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि हमने इस संबंध में कानून बनाने की अपनी मांग को आगे रखा है. देश का हर व्यक्ति चाहता है कि राम मंदिर का निर्माण हो. यहां तक कि जो लोग सत्ता में नहीं हैं, उन्होंने भी कहा है कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए.और भी आगे की बात यह है की देश के अल्पसंख्यक समाज एक तबके ने मंदिर निर्माण का समर्थन किया है.
“मंदिर निर्माण के लिए अल्पसंख्यक समाज के एक बहुत छोटे तबके ने समर्थन करते हुये मंदिर निर्माण की मांग राखी है किन्तु आरएसएस के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी का यह वक्तव्य सरासर ग़लत है कि देश का हर व्यक्ति चाहता है कि राम मंदिर का निर्माण हो , सच्चाई यह है की खुद बीजेपी और संघ में भी इस सम्बन्ध में दो मत हैं , और अजीब बात यह है की देश का धर्म निरपेक्ष समाज विवादित स्थल पर न मंदिर चाहता है और न मंदिर बल्कि कोई सामाजिक स्थल की उसकी मांग रही है .जो किसी हद्द तक उचित है “TOP View
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इंटरव्यू कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने पर फैसला न्यायिक प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही लिया जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी ANI को दिये इंटरव्यू में कहा था कि ‘एक बार कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिये. इसके बाद हमारी जो भी जिम्मेदारी होगी, हम हर प्रयास करने के लिये तैयार हैं’.
पीएम ने कहा था कि राम मंदिर मुद्दे का हल संविधान के दायरे में ही संभव है. पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के वकीलों ने अयोध्या मसले पर कानूनी प्रक्रिया में अड़चनें पैदा की. इसकी वजह से कानूनी प्रक्रिया धीमी पड़ गई.