28 सितंबर नई दिल्ली। जमाअत इस्लामी हिन्द ने आज प्रेस को जारी बयान में कहा कि सूरत के निकट वरेली में शराब पीकर 23 लोगों की मृत्यु के लिए गुजरात सरकार जिम्मेदार है।
जमाअत इस्लामी हिन्द के महासचिव मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि यही उचित समय है कि शराब पर पूर्ण प्रतिबंध को व्यावहारिक रूप दिया जाए न कि प्रतिबंध केवल कागज पर दर्ज रहे। उन्होंने कहा कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध के बावजूद इतने लोगों की मृत्यु निराशा का कारण है। मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि इस्लाम में शराब को सारी बुराइयों का जड़ करार दिया है क्योंकि इसका सेवन न केवल मौत का कारण बनता है] बल्कि परिवार में विनाष लाता है और सामाजिक ढांचे और समाज के नैतिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाता है। जमाअत इस्लामी हिन्द को इस बात में पूर्ण आस्था है कि ईश्वर ने इन्हीं कारणों से शराब और मादक पदार्थ के किसी भी प्रकार के सेवन को निषिद्ध ठहराया है।
जमाअत के महासचिव ने कहा कि गुजरात में शराब का अवैध व्यापार काफी फल-फूल रहा है और वहां की सरकार इसे नजरअंदाज की हुई है। जहरीली शराब त्रास्दी शराब -मुक्त गुजरात के दंभ का पोल खोलती है। उल्लेखनीय है कि 2009 में गुजरात में नरेंद्र मोदी शासनकाल में जहरीली शराब के सेवन से 150 लोगों की मृत्यु हो गई थी। बावजूद इसके इस बड़ी त्रास्दी से कोई सबक हासिल नहीं किया गया है और हकीकत यही है कि अवैध और जाली शाराब की सप्लाई अभी भी जारी है। जमाअत इस्लामी की मांग है कि शराब के अवैध व्यापार करने वाले दोषियों को कठोर सजा दी जाए और पड़ोसी राज्यों से शराब की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाई जाए। महासचिव ने कहा कि केंद्रीय सरकार से हमारी मांग है कि समूचे देश में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाई जाए।
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मीडिया प्रभाग] जमाअत इस्लामी हिन्द