राजस्थान के राजसमन्द का चर्चित मामला जिसमें एक मुस्लिम बुजुर्ग मुहम्मद अफ्जरुल की निर्ममता से हत्या करदी गयी थी , हत्या करने वाले शंभूलाल रेगर के अब सारे राज सामने आ गए है. उसने ये हैवानियत भरा काम अपने अवैध रिश्तों को छुपाने के लिए किया था.
ऐसे में सवाल यह पैदा होता है की शम्भू लाल को हीरो बनाने वाली एक धर्म विशेष की कट्टरवादी संस्थाएं जो क़ातिल के परिवार को सहयोग कर रही थीं और इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने में जुटी थीं उनको क्या सजा मिलेगी , देश की जनता को इसकी प्रतीक्षा है .
राजसंमद पुलिस के अनुसार, जांच में सामने आया कि शंभूलाल का एक लड़की के साथ दस महीने तक अवैध संबंध था. पुलिस के अनुसार पीड़ित लड़की का परिवार शंभूलाल के खिलाफ FIR दर्ज कराने की योजना बना रहा था. ऐसे में शंभूनाथ को डर था कि अगर पीड़िता के घरवालों ने उसके खिलाफ शिकायत की तो इसकी जानकारी उसकी पत्नी, माता-पिता को पता चल जाएगी.
पुलिस ने बताया, बदनामी से बचने के लिए उसने अफ्जरुल की हत्या कर ध्यान भटकाने की कोशिश की. पुलिस ने लड़की और उसकी माँ के वीडियो रिकॉर्डिंग का साथ बयान दर्ज किये है. जिसमें यह बात प्रमाणित होती है कि आरोपी का एक लड़की से अवैध संबंध था.
आईजी रेंज आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़िता ने जानकारी दी है कि शंभूलाल उसे परेशान करता था. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है , साथ ही इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी ने इस पूरी घटना की साजिश लोगों का ध्यान भटकाने के लिए की है, ताकि इस मुद्दे को संवेदनशील बनाकर सांप्रदायिक कर लोगों की धारणा बदली जासके . साथ ही शंभूलाल ने ये आतंक भी इसलिए फैलाया कि वह कट्टरपंथी समूहों के लिए एक हीरो बन जाए.
इसी बीच शंभूलाल को रिमांड अवधि पूरा होने के बाद शुक्रवार को राजसमंद के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए.
इस बीच शंभूलाल को हीरो बनाने वाले लोग और संस्थाएं अब क्या बहाना तलाशेंगी या योजना बनाएगी ताकि जनता को एक बार फिर भ्रमित किया जासके इसके सामने आने का भी इंतज़ार है देश के सेक्युलर लोगों और संस्थाओं को .टॉप ब्यूरो