सेंट्रल बैंक ने अगस्त 2017 में ही 30 से 40 ऐसी कंपनियों की लिस्ट जारी की थी जो डिफाल्टर होचुके हैं जबकि 12 कंपनियों को पहले ही बीमार या नॉन परफार्मिंग घोषित करके National Company Law Tribunal (NCLT) को भेज दी गयी हैं .
अब मशहूर फैशन ब्रांड कंपनी एस कुमार्स (S Kumar ‘s) से जल्द ही बैंकों को बड़ा झटका लगने वाला है. दरअसल, कंपनी दिवालिया होने की कगार पर है. 5,000 करोड़ रुपए का लोन डिफॉल्ट करने के बाद कंपनी को ज्यादातर बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है.
बता दे कि विलफुल डिफॉल्टर उन लोगों को माना जाता है. जिनके पास लोन की रकम चुकाने की क्षमता तो होती है, लेकिन वो पैसा वापस नहीं करते हैं. या ये लोग लोन की रकम को भी किसी और डायवर्ट कर देते हैं.
आईडीबीआई बैंक ने एस कुमार्स नेशनवाइड के खिलाफ दिवालिया की प्रक्रिया चालू की है. एडलवाइज एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी रीड एंड टेलर (Reid and Taylor) को दिवालिया कोर्ट में खींचा है. आई.डी.बी.आई. और एडेलवाइस ने नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को इस बारे में जल्द फैसला लेने के लिए कहा है.
इन दोनों कंपनियों ने कोर्ट को अभय मनुधने को आईआरपी नियुक्त करने के लिए कहा है जो दोनों कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को देखेगा. रीड ऐंड टेलर को कभी सुपरस्टार अमिताभ बच्चन इंडॉर्स करते थे.
इसके अलावा जो ऐसेट जिनको बैंक के पास गिरवी रखते हैं वो उसे बैंक को बिना बताए बेच देते हैं उन्ही लोगों को विलफुल डिफॉल्टर की श्रेणी में रखा जाता है.