भोपाल: पिछले दिनों मध्य प्रदेश में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गए बीजेपी कार्यकर्ता व आईएसआई एजेंटों द्वारा गैर कानूनी ढंग से चलाई जा रही टेलीफोन एक्सचेंज से जहाँ मोदी सरकार को धक्का लगा है वहीँ सरकार को करोड़ों रुपये का चूना भी लगाया है। सूत्रों के मुताबिक आईएसआई के इन जासूसों ने इस तरह की १०० या उससे भी ज्यादा टेलीफ़ोन एक्सचेंज चला रखी थी।
जिससे वह पाकिस्तान को भारत की गतिविधियों की सूचना भेजते थे। मध्य प्रदेश द्वारा इस सन्दर्भ में केंद्र सरकार को भेजी एक जांच रिपोर्ट में बताया गया की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहे इन जासूसों ने सरकार को २ हजार करोड़ रुपये तक का नुकसान पहुंचाया है। गौरतलब है की इसमें बीजेपी के आईटी सेल का कार्यकर्ता ध्रुव सक्सेना और उसका साथी कर्येकर्ता भी शामिल है। इसके अलावा इसके तार भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के साथ भी जुड़ रहे हैं।
मामला बहुत ही संगीन है इसलिए इस मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियां बहुत ही ध्यानपूर्वक कर रही हैं।
लेकिन दुनिया में आतंक की मंडी चलाने वालों के कई false flag opeations भी दुनिया में चलते रहे हैं होसकता है यह भी उसी का एक हिस्सा हो।मगर देखना अभी यह बाक़ी है कि मुम्बई आतंकी हमले में मारे गए ATS अधिकारी हेमंत करकरे को जिन कारणों से मरवाने के समाचार आचुके हैं उसी प्रकार MP ATS टीम हेड के साथ स्टेट का क्या रवय्या रहता है या इस केस कि सच्चाई तक पहुँचते पहुँचते हेमंत करकरे जैसी कितनी क़ुर्बानियां दी जाएंगी ?
आपको बता दें की पिछले साल पुलिस द्वारा जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर में आईएसआई के दो एजेंट गिरफ्तार किए थे जोकि पाकिस्तानी को भारत की गुप्त जानकारी देते थे। उनके द्वारा पुलिस को पता चला की वह मध्य प्रदेश के सतना में रह रहे बलराम जोकि एक आईएसआई एजेंट है के लिए काम करते थे और वह उन्हें इसके लिए पैसे देता था। जिसके बाद मध्यप्रदेश एटीएस ने बलराम समेत कुल ११ आईएसआई एजेंटों को गिरफ्तार किया है और अभी और धरपकड़ जारी है।
फिलहाल देश भक्ति के दावे करने वाले संघ और बीजेपी कार्येकर्ताओं को जनता के एक सवाल का सामना करना पड़ रहा है कि बीजेपी IT सेल के ध्रुव और उसके साथियों को किसकी शह पर पार्टी में रखा गया था और आज क्या वो वास्तव में देश का भेदी है या फिर किसी और नए खुनी साज़िश का यह हिस्सा है ?