दलित किसान को पिलाया पेशाब , मूंछ उखाड़ी, मारपीट की , बदायूं में एक बार फिर मानवता शर्मसार , आख़िर गुनाह क्या था?
Times Of Pedia (TOP) ने बदायूं जिला के पुलिस कप्तान से टेलीफोन पर बात करके मामले की जानकारी ली
थाना हजरतपुर इलाक़े में तत्काल पुलिस कार्रवाई की सराहना की जा रही है ,और आइंदा सभी पीड़ितों को इन्साफ की उम्मीद की भी किरण जागी है
बदायूं ज़िले के हजरतपुर थाने के आजमपुर गाऊं के दलित किसान का कहना है कि हमारा जुर्म यह था कि “हमने ठाकुर परिवार के गेहूं काटने से मना कर दिया था क्योंकि हम अपना गेहूं काट रहे थे इस लिए हमने इंकार किया .हम अपने खेत में गेहूं का भूसा निकाल रहे थे उसी समय ठाकुर बरादरी के 4 लोग आये और बस निकाल के जूता मारने लगे. मारपीट कर घसीटते हुए गांव तक ले गए. चौपाल पर जाकर साहब रस्सी से नीम के पेड़ से बांध दिए. फिर हमारी मूंछ उखाड़ी और जूते में भर कर पेशाब पिलाई.”
बदायूं ज़िले में आजमपुर गांव थाना हज़रतपुर के रहने वाले दलित किसान पिछले महीने की 23 तारीख को अपने साथ हुई घटना को बताने में अब झुंझलाने लगे थे क्योंकि यही कहानी वो पुलिस कर्मियों ,दर्जनों मीडिया वालों को बताते थक गए थे , हालांकि उनसे ये जानकारी लेने में हमको भी काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि वो ‘लोगों को यही बात बताते-बताते परेशान हो गए थे.’
दलित किसान का आरोप है कि गांव के ही ठाकुर जाति के लोगों ने उनके साथ ये बर्ताव किया. वो उस समय खेत पर अपने छोटे भाई के साथ थे. छोटे भाई ने मार-पीट की जानकारी आकर घर पर दी और फिर दलित किसान की पत्नी ने पुलिस को फ़ोन करके इस पूरी घटना के विषय में सूचना दी.
इस पूरी घटना के सम्बन्ध में हमने बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार से टेली फ़ोन पर बात की उन्होंने बताया कि उस दिन सौ नंबर पर पीड़ित की ओर से दो बार कॉल आया और दोनों बार पुलिस पहुंची.
पुलिस अधीक्षक ने बताया , “दोनों बार मार-पीट की शिकायत की दर्ज की गई थी. थानाध्यक्ष ने दोनों पक्षों को थाने पर बुलाकर कार्रवाई की. लेकिन एक हफ़्ते बाद दलित किसान ये शिकायत लेकर थाने पर पहुंचे कि उन्हें मारने-पीटने के अलावा पेशाब पिलाई गई और मूंछ उखाड़ी गई.”
एसएसपी के मुताबिक दलित किसान की ओर से गांव के चार लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और अगले ही दिन पुलिस ने चारों अभ्युक्तों को गिरफ़्तार भी कर लिया.जिनके नाम इस प्रकार बताये गए:
१:विजय s /o सोमपाल
२:पिंकू s /o महावीर
३:विक्रम s /o बुद्धपाल
४: शैलेन्द्र s /o सोमपाल
पुलिस ने चारों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में जांच की कार्रवाई का काम चल रहा है .
इस सम्बन्ध में बदायूं पुलिस की तत्काल कार्रवाई को समाज में सराहा गया और पुलिस निष्पक्षता की तारीफ करते हुए आइंदा पुलिस से बेहतर उम्मीद भी इलाक़े में जताई गयी , साथ ही जिला पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार की सराहना की गयी .
जिस क़ानून को केंद्रीय सरकार की ओर से कमज़ोर बनाने के उच्चतम न्यायलय पर दबाव बनाया गया था उसी क़ानून यानी sc st Act के तहत आजमपुर के दलित किसान को इन्साफ मिलने की उम्मीद है उन्होंने बताया आज जिस क़ानून ने हमारे अधिकारों की रक्षा की है शायद यह न होता तो हमको न्याय न मिलता .
इसीलिए इस क़ानून की देश को सख्त ज़रुरत है ताकि दलितों पर ज़ुल्म की घटनाओं को रोका जासके हालांकि वो यह भी कहते हैं कि देश में दलित और स्वर्ण के बीच जाति एवं लिंग प्रथा से हम उकता चुके हैं और इसपर अब कोई न्यायसंगत निर्णय होना चाहिए ताकि हर नागरिक को अपने अधिकारों के साथ जीवन यापन का मौक़ा मिल सके . यूँ तो इस सम्बन्ध में हमारा संविधान हर एक के अधिकारों का प्रावधान रखता है किन्तु मसला सियासत और इम्प्लिमेंटिंग एजेंसीज के बीच अटक जाता है ।।