तीन राज्यों में कांग्रेस के सीएम शपथ समारोह से दूरी बनाए रखने वाले नेताओं पर रहेगी नज़र
लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा था , जो …..
नई दिल्ली: आज तीन राज्यों में कांग्रेस के सीएम मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह में सभी कांग्रेस के बड़े नेता और UPA के घातक नेताओं के पहुँचने की संभावनाएं हैं .जिन तीन राज्यों में शपथ समारोह होने जारहा है वो हैं राजस्थान , छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश , इन तीनो ही States में कांग्रेस ने बीजेपी को मात दी है.
याद रहे कि लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा था , जबकि हमारा इस सम्बन्ध में कुछ मुख़्तलिफ़ मत है .तीन राज्यों जीत या टक्कर के मुक़ाबले के बाद कांग्रेस कार्येकर्ताओं का मनोबल ज़रूर बढ़ गया है और आगे काम काम करने की हिम्मत मिल गयी है किन्तु इसको सेमि फाइनल क्योंकर माना जारहा है यह समझ नहीं आता . क्योंकि सेमि फाइनल तो टूर्नामेंट में खेल रही कई अलग अलग टीमों के बीच होता है और जिन तीन स्टेट्स में कांग्रेस जीती है वहां कोई तीसरा विकल्प ही नहीं था और जहाँ था वहां कांग्रेस पराजित हुई .तो ऐसे में इन नतीजों को या इन चुनावों को सेमि फाइनल मानना शायद उचित नहीं है .
आजके इस शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर विपक्षी एकता का भी चुनाव होना है , यानी कांग्रेस द्वारा दिए गए निमंतरण में कौन कौन विपक्षी नेता पहुँचते हैं और कितने इस अवसर पर अपनी मजबूरी दिखाकर दूर रहते हैं , यह विपक्षी दाल की एकता पर या नेता पर आधारित होगा , वैसे अधिकतर विपक्षी बड़े नेताओं के ग़ैर हाज़िर रहने की आशंका जताई जा रही है .
हालांकि कांग्रेस पार्टी ने सभी विपक्षी दलों को इन समारोहों में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया है. ऐसे में उन विपक्षी दल के नेताओं पर सबकी नजर रहेगी जो खुदको इस समारोह से दूर रखते हैं.
बता दें के अशोक गहलोत जहां जयपुर में सुबह 10 बजे शपथ लेंगे वहीं कमलनाथ भोपाल में दोपहर 1.00 बजे जबकि रायपुर में शाम चार बजे भूपेश बघेल शपथ लेंगे .
उम्मीद है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तीनों ही राज्यों में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगे. तथा आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी तीनों जगह समारोह में शामिल हो सकते हैं. समारोह के दौरान एच डी देवेगौड़ा, एच डी कुमारास्वामी और जम्मू कश्मी के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हो सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती के अनुपस्थित रहने की स्थिति में विपक्षी एकता पर सवाल खड़े हो सकते हैं. याद रहे कि पिछले साल दोनों ही नेताओं ने कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था.
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