तमिलनाडु के वक़्फ़ संपत्ति का नए सिरे से सर्वे किया जाएगा, तमिलनाडु में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने तक संघर्ष जारी रहेगा
चेन्नई। तमिलनाडु और पुडडूचेरी में ‘स्वार्थी राजनीति को हरा देंगे, जनता के कल्याण की राजनीति को बढ़ावा देंगे‘ के नारे के साथ एसडीपीआई ने 33 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। इस संदर्भ में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष दहलान बाक़वी ने यहां चेन्नई प्रेस क्लब में 16 पन्नों का पार्टी घोषणापत्र जारी किया। इस अवसर पर एसडीपीआई राज्य उपाध्यक्ष नीलाई मुबारक, राज्य महासचिव निज़ाम मोहिउद्दीन, अब्दुल हमीद और राज्य कोषाध्यक्ष मोहिउद्दीन सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। एसडीपीआई के चुनाव घोषणापत्र में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। 1) समाजी न्याय की प्राप्ति के लिए एसडीपीआई लगातार संघर्ष जारी रखेगी, जिसके तहत 69 प्रतिशत आरक्षण की रक्षा के लिए कदम जारी रहेंगे। अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों के लिए आरक्षण जनसंख्या अनुपात के अनुसार करने के लिए राज्य सरकार को अधिकार प्राप्त हो इसके लिए कानूनी संशोधन करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 2) तमिलनाडु में शराब पर बिना शर्त पूर्ण प्रतिबंध लगाने तक संघर्ष जारी रखा जाएगा। 3) सरकारी कार्यालयों में दिए जाने वाले आवेदित नामों का तय समय सीमा उनपर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए ‘सेवा राइट्स‘ कानून के कार्यान्वयन को लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 4) वक़्फ़ संपत्ति सर्वेक्षण सन 1957 के बाद से अब तक नहीं किया गया है तो नए सिरे से वक़्फ़ संपत्ति का सर्वेक्षण किया जाएगा। 5) प्राइवेट स्कूलों में सरकार के निर्दिष्ट फीस बैंक भुगतान प्रणाली को लागू किया जाएगा। 6) .तमिल भाषा के विकास के साथ-साथ तमिलनाडु में अन्य भाषा बोलने वालों के अधिकारों और इन भाषाओं की रक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे। 7) तमिलनाडु सरकार के सभी प्रकार के काम के ठेके में बढ़ती भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए इंटरनेट के माध्यम काॅनट्रेक्ट जारी करने की मांग की जाएगी। 8) तमिलनाडु में शरणार्थियों के रूप में बसे हुए सभी श्रीलंकाई तमिलियंस को भारतीय नागरिकता जारी करने के लिए कोशिश की जाएगी। 9) देश से बाहर रहने वाले तमिलनाडु के नागरिकों के कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय स्थापित करने के लिए राज्य सरकार से मांग की जाएगी। 10) राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उद्योग में ट्रेड यूनियन के गठन और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जाएगी। 11) दो महीने में एक बार बिजली गणना के मौजूदा तंत्र को बदल कर हर महीने बिजली की गणना पद्धति को लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 12) जल स्रोतों, कृषि और पर्यावरण को प्रभावित होने वाले म्नबसंलचजने और च्तवेवचपे रनसपसिवतं पेड़ों को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 13) तमिलनाडु में लोकसभा आयुक्त अदालत स्थापित करने के लिए संघर्ष किया जाएगा। 14) तमिलनाडु में पानी के लिए एक नई परियोजना की स्थापना के लिए कार्रवाई की जाएगी। 15) कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने के अलावा अंतर्देशीय उत्पादन किए जाने वाले सामान का निर्यात करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 16) पिछड़े इलाकों में विकास और स्वच्छता में सुधार के लिए विशेष फंड आवंटित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। 17) 10 साल से अधिक कैद व उम्रकैद कैदियों को बिना किसी धार्मिक भेदभाव के दया के आधार पर रिहा करने के लिए सरकार पर ज़ोर दिया जाएगा। 18) तमिलनाडु सरकार के स्वास्थ्य बीमा योजना से केवल निजी अस्पताल लाभ उठा रहे हैं। आम जनता को चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं। इस बदतर स्थिति को बदलने के लिए निजी अस्पतालों की तरह सरकारी अस्पतालों में भी सभी आधुनिक सुविधाओं की प्राप्ति के लिए कदम उठाए जाएंगे। 19) जल वितरण में निजी नियंत्रण पूरी तरह से हटा दिया जाएगा साथ ही नदियों के बीच आवश्यक स्थानों पर बांध का निर्माण और सभी नदियों की सफाई और सुरक्षा करने की कोशिश की जाएगी। 20) प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सावधानियों के बारे में स्कूल और कॉलेज के छात्रों को अभ्यास कराया जाएगा। इसके अलावा बुनकरो, मछुआरों, प्रवासियों, अल्पसंख्यक कल्याण, व्यापारियों के कल्याण, मानव अधिकार, न्यायिक और प्रशासनिक सुधारों के संबंध में भी घोषणापत्र में वादा किया गया है।
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