गृह युद्ध अभी छिड़ा नहीं ?Assam state NRC Issue
Ali Aadil khan
उत्तर प्रदेश में पैदा होगी गृह युद्ध की स्थिति, जाधव आएंगे भारत!
पंडित वेद प्रकाश जबाली की भविष्वाणी के अंश
1 जनवरी 2018 को सुबह 7.30 बजे मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण से नववर्ष का आगाज हो चुका है। करनाल के ज्योतिषी पंडित वेद प्रकाश जबाली ने बताया कि धनु लग्न से शुरू होने जा रहे नववर्ष की कुंडली में लग्न में शुक्र, शनि और सूर्य की युति इस बात को दर्शा रही है कि इस वर्ष में भारी उथल-पुथल के योग बनेंगे, चाहे वह सामाजिक हो, राजनीतिक या आर्थिक।
भारत में जनता के अंदर असंतोष बढ़ेगा, महंगाई तथा सरकार की गलत नीतियों से जनता में नाराजगी रहेगी। 7 मार्च से 1 मई तक शनि मंगल का योग अपना खूब प्रभाव दिखाएंगे, जिससे पाकिस्तान तथा मध्य एशिया के बीच युद्ध के आसार बनेंगे। 2 मई से 5 नवम्बर तक देश में कई अहम घटनाएं होंगी।
विपक्ष तथा अन्य सहयोगियों के कारण जन आंदोलन से मोदी सरकार को नुक्सान पहुंचेगा। कुछेक राज्यों की वजह से केन्द्र सरकार को भारी नुक्सान का सामना करना पड़ेगा और इससे अगले चुनाव तक राजनीतिक वातावरण पूरी तरह से विषक्त हो जाएगा, जिसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिलेगा तथा वह मजबूती पकड़ेगी।
इस वर्ष में सम्वत् का राजा सूर्य और मंत्री शनि होने से प्रजा तथा सत्ता में भारी टकराव पैदा होगा। नेताओं के बीच भारी टकराव पैदा होंगे। महंगाई के कारण जनता में हाहाकार रहेगी। इस वर्ष में कांग्रेस में राहुल गांधी के निकटस्थ लोगों से उन्हें सतर्क रहना होगा।
कांग्रेस में भी बहुत भारी फेरबदल होंगे। नए चेहरों को भी शामिल किया जाएगा जो पार्टी की छवि को निखारने में सहायक होंगे।
उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल 2018 को शनि वक्री अवस्था में आएंगे। 6 सितम्बर 2018 तक शनि की वक्री अवस्था जारी रहेगी, यह उत्तर प्रदेश सरकार के लिए भारी संकट पैदा करेगा। उत्तर प्रदेश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।
इस वर्ष 5 ग्रहण लगेंगे, जिसमें से 2 ग्रहण भारत में दिखेंगे। पहला ग्रहण 31 जनवरी 2018 दिन बुधवार को घटित होगा तथा दूसरा ग्रहण 27 जुलाई दिन शुक्रवार को पूर्ण ग्रहण के रूप में दिखाई देगा, जिस कारण हवाई या सड़क दुर्घटनाओं के योग बनेंगे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव के 2018 में सजा माफी के योग बनेंगे तथा 2019 तक उनकी हिन्दुस्तान में वापसी हो सकती है।
पंडित वेद प्रकाश जबाली की भविष्वाणी को यदि थोड़ी देर के लिए अंधविश्वासों की नज़र से देखकर सही मान लिया जाये तो क्या देश में गृह युद्ध की स्तिथि पैदा होगई है ? आसाम में NRC पर आई रिपोर्टों के बाद ममता बनर्जी द्वारा दिया गया ब्यान क्या सच होसकता है .
आपको बतां दे कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की कवायद राजनैतिक उद्देश्यों से की गई ताकि लोगों को बांटा जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि यह पार्टी देश को बांटने का प्रयास कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी युवा मोर्चा के तीन लोगों द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई है। शिकायत के मुताबिक ममता असम में एनआरसी की शांतिपूर्ण प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं। ममता पर प्रदेश के साम्प्रदायिक सद्भवना को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
ज्ञात रहे भारतीय जनता युवा मोर्चा देश भर में सांप्रदायिक दंगों में शामिल रही है , जबकि इस संस्था के कई युवाओं पर लूट और हत्या के केस दर्ज हैं , ऐसे में इस संस्था के लोगों द्वारा ममता बनर्जी पर किया गया गृह युद्ध वाले बयान के खिलाफ मुक़द्दमा कितनी शक्ति रखता है कोर्ट बेहतर बताएगा .
गृह युद्ध के कारण
यदि हम गृह युद्ध के कारणों पर बात करें तो पता चलता है की जब आम तौर पर मानवाधिकारों का हनन होने लगे और जब एक ख़ास जाती या धर्म के लोगों द्वारा दुसरे जाती या धर्म के लोगों पर हमले होने लगें .इसके अलावा आर्थिक , सामाजिक तथा रानीतिक असमानता (ग़ैर बराबरी) भी गृह युद्ध का एक बड़ा कारण होता है .किसी एक राजनितिक पार्टी द्वारा सत्ता पर बने रहने के लिए संविधान और देश के संघीय ढाँचे के बुनयादी उसूलों की अवमानना भी गृह युद्ध का कारन होता है .
अब हमारे पाठक तय करें की हमारे देश में ऊपर बयान किये गए कारणों में से कितने कारण देश में लागू हैं . अगर अधिकतर समाज में लागू हैं तो गृह युद्ध की स्तिथि में कोई शक है क्या ? आप ही बताएं आये दिन देश के अल्पसंख्यकों और दलितों तथा महिलाओं पर ज़ुल्म ो बरबरयत की घटनाओं के समाचारों से अख़बार भरे रहते हैं , और सोशल मीडिया पर तो इसकी भरमार है .
विडंबना यह है की ज़ालिम लोग पीड़ितों पर ज़ुल्म करते हुए विडिओ बना बना कर दाल रहे होते हैं इससे यह बात समझ आती है की देश में एक ग्रुप है जो या तो दुसरे वर्ग को उकसाकर देश में साम्प्रदायिकता को बढ़ाना चाहता है या किसी एक वर्ग या समूह को भयभीत और ख़ौफ़ज़दा करना चाहता है .
इस प्रकार की घटनाओं के दो नतीजे होसकते हैं या तो यह की किसी एक वर्ग और जाती के लोगों पर खौफ बैठाकर सत्ता पर बना रहा जाए जबकि इसकी उम्मीद कम है , जिस तरह ज़ुल्म के खिलाफ देश भर में रोष है उससे नहीं लगता . दूसरी वजह यह मालूम होती है की देश में हिन्दू राष्ट्र को लागू करने के लिए और यूनिफार्म सिविल कोर्ट लाने का रास्ता रफ्ता रफ्ता साफ़ करलिया जाए .
देश में एक समुदाय के धार्मिक मुद्दों को जिस तरह एक के बाद दूसरा उठाया जारहा है और इसके लिए मीडिया का खुलकर एक तरफ़ा इस्तेमाल होरहा है इससे संकेत मिलता है कि यहाँ कि सबसे बड़ी अल्पसंख्यक के बीच लैंगिक और फ़िरक़ों की ऐसी दीवार खड़ी करदेने का भी मक़सद होसकता है जो हिंदू राष्ट्र विचार धारा का रास्ता आसान करदे जिसके बारे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ऐलानिया तौर पर कुछ वर्षों पहले बयान दे चुके हैं .हालांकि हिन्दू राष्ट्र विचार धरा यदि वेदों और धार्मिक किताबों वाली है तो कोई हर्ज नहीं . यहाँ तो साम्राजयवाद और नफरतवाद तथा भीड़तंत्र को लागू किया जारहा है .
इन तमाम हालात के चलते यदि खुदा नखुआसता देश में गृह युद्ध छिड़ता है तो भारत कि तस्वीर क्या होगी आप जानते हैं , देश में चारों ओर इंसानी लाशों के अम्बार होंगे , आसमान में उड़ती चीलों के झुण्ड जगह जगह इंसानी लाशों को नोचने के लिए ज़मीन पर उतर रहे होंगे , देश में भुकमरी होगी , व्यापार ठप्प होगा , विकास का बाजा बज चुका होगा , खूबसूरत इमारतें मलबे में बदल चुकी होंगी .
नस्लें कमज़ोर और अपाहिज पैदा होने लगेंगी . खेत वीरान होजाएंगे , खेल के मैदान शमशान और क़ब्रस्तान में तब्दील होजाएंगे . देश का पूँजीपति वर्ग दुसरे देशों में पलायन कर जायेगा . सत्ता रूढ़ पार्टियां और सत्ता की पुजारी व् भिकारी पार्टियां हुकूमत करने से बचने लगेंगी .सरकारी ख़ज़ाने खाली होजाएंगे . हरे भरे दरख़्त सूख चुके होंगे . काली चमकती सड़कों में बड़े बड़े गड्ढे होंगे और मिटटी का रंग लाल होजायेगा . शान्ति नाम की कोई चीज़ नहीं होगी , चारों ओर घरों से उठते काले और खुनी धुएं होंगे , इंसानी लाशों कि बदबू होगी और देशमें एक अजीब सा सन्नाटा होगा जो इंतहाई भयानक होगा .
मगर मैं आखरी दम तक इसकी कोशिश करूँगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए , मैं रात और दिन दुआएं करूँगा , सद्भाव और शांति रैलियां निकालूंगा , गाँव गाँव , शहर शहर जाकर लोगों को समझाऊंगा , गृह युद्ध के नुकसान बताऊंगा .
नफरत और साम्प्रदायिकता के भयानक चेहरे को देश की अवाम के सामने रखूँगा , मगर यह जभी मुमकिन होगा जब मैं बचूंगा , क्योंकि मुझ जैसे शांति प्रिय और गांधीवादी व् इंसान परस्त को तो राष्ट्र द्रोह बताने वाले लोग मार्डन चाहते हैं और मेरे जैसे कई पत्रकारों को धमकियाँ दे रहे हैं किसी के भक्त लोग , और कई क्रांतिकारी और सच लिखने वालों को मारा जा चुका है , मगर वो अमर हैं .
तो क्या ऐसे मैं आप मेरे या मेरे जैसे शांति प्रिय और देश प्रेमियों के साथ आप जुड़ना चाहेंगे ? शायद नहीं ……क्योंकि ये रास्ता जोखिम भरा है ….और मेरे पास सत्ता नहीं है पैसा नही है और मेरे साथ भीड़ भी नहीं है . खाली विचारों से क्या होता है यही सोच रहे हैं न आप ?
तो जाईये आप होने दीजिये देश में जो हो रहा और इंतज़ार कीजिये उसी मंज़र का जो मैं ऊपर ब्यान करचुका हूँ .अगर अम्न के लिए आप खड़े नहीं हुए तो आतंक और हाहाकार का खौफनाक वातावरण आप जल्द देख लेंगे ..याद रखिये जो क़ौम ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाती फिर वो लाशें उठाती है . जाईये करिये अपनी मन मानी . मन तो पागल है और पागल से क्या उम्मीद करोगे आप . जाओ करो .
मगर मैं थका नहीं हूँ , मैं ना उम्मीद भी नहीं हूँ , मैं आशावादी हूँ ,मैं तो लडूंगा आखरी दम तक , घुमाता रहूँगा तलवार क़लम की , शायद पिघल जाएँ अवसरवादी लोगों के दिल , शायद सुधर जाएँ सत्ता के भिकारी लोग .
उनका जो काम है अहल इ सियासत जाने
मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुंचे
Editor’s Desk