मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल होने से गुजरात की राजनीति में हलचल मच गई है। इस क्लिप में वह कथित तौर पर निर्दलयी प्रत्याशियों से अपना नामांकन वापस लेने की गुजारिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस क्लिप के सार्वजिनक होने के बाद जैन समुदाय से जुड़े 5 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अब बीजेपी और वह निर्दलीय प्रत्याशी दावा कर रहे हैं कि वे ऑडियो क्लिप लीक होने की इस घटना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।
यह मामला सुरेन्द्रनगर की वाधवान सीट से जुड़ा हुआ है। बीजेपी ने पाटीदार वोटरों को लुभाने के मकसद से यहां की सिटिंग एमएलए वर्षा दोषी का टिकट काटकर धनजीभाई पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। धनजीभाई पाटीदार समुदाय से आते हैं, जबकि वर्षा , जैन समुदाय की हैं। जैन बहुल इस सीट पर पिछले 4 बार से जैन प्रत्याशी ही विधायक चुना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि निर्दलीय जैन प्रत्याशियों के चुनाव में उतरने से बीजेपी को अपनी संभावनाओं पर बुरा असर पड़ता नजर आ रहा था, लेकिन अब पांच जैन प्रत्याशियों ने अपना पर्चा वापस ले लिया है। कहा जा रहा है कि निर्दलीय प्रत्याशियों ने यह कदम कथित तौर पर मुख्यमंत्री से टेलिफोन पर हुई बातचीत के बाद उठाया है।
इस ऑडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, जिससे बीजेपी खेमे में खलबली है। निर्दलीय प्रत्याशी और बीजेपी जिला सेल की ओर से कहा गया है कहा है कि वे इस मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगे। हालांकि सुरेन्द्रनगर के डीएसपी ए.बी. वटालिया ने मीडिया को बताया, ‘हमें अभी तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है।’हालांकि इस ऑडियो की सत्यता पर सवालिया निशाँ लग रहे हैं .
इस सबके बाद right to privacy क़ानून की एहमियत को समझना और इसपर चर्चा ज़रूरी होगी है की टेलीफोनिक बात चीत का गुप्त रहना कितना ज़रूरी है जबतक की किसी ख़ास व्यक्ति की पहचान संवेदनशील न हो .टॉप ब्यूरो
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