बढ़ेगी आपकी होम लोन और कार लोन की ईएमआई, RBI ने रेपो रेट को 4.40 परसेंट से बढ़ाकर 4.90 परसेंट कर दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता या नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. RBI गवर्नर ने बुधवार को यहां मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘आगे चलकर महामारी की वजह से उपलब्ध कराई गई अत्यधिक तरलता को कई साल के समय में सामान्य स्तर पर लाया जाएगा. हालांकि, इसके साथ ही केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों के लिए पर्याप्त नकदी उपलब्ध रहे.
RBI की मौद्रिक पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया गया है. आरबीआई के इस कदम से सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4.40 परसेंट से बढ़ाकर 4.90 परसेंट कर दिया है. यह दूसरा महीना जब आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है.
आमतौर पर नीतिगत दरों में बदलाव आरबीआई की मौद्रिक नीति की दो महीने पर होने वाली बैठक में होता है. पिछली बैठक 8 अप्रैल को हुई थी जिसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था. लेकिन बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ने सबको चौंकाते हुए 4 मई 2022 को रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी थी. कोरोना महामारी के बढ़ते संकट को देखते हुए आरबीआई ने मार्च, 2020 में रेपो रेट को घटा दिया था लेकिन 4 मई, 2022 को करीब दो साल बाद 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
बता दे आपको रेपो वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक जरूरत पड़ने पर वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है. यह एक उपकरण है जिसका उपयोग केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए करता है. रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों से कर्ज लेता है. वर्तमान में रेपो दर 4.90 प्रतिशत है जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है. मई 2020 से रिवर्स रेपो दरें अपरिवर्तित बनी हुई हैं.
इस महंगाई के दौर में जहा लोग दो वक़्त की रोटी और अपनी ईएमआई भरने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है, वही इस आपदा के दौर में RBI का यह फैसला कितना सही है ?