डर्बिक योगा-वर्ज़िशों से रखें हाज़मा दुरुस्त-पेट तंदुरुस्त – फिटनेस की डोज़ आधा घंटा रोज़
डर्बिक ग्लोबल फाउंडेशन, A&S फार्मेसी और इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल एजुकेशन के सहयोग से डर्बिटेक योग तकनीकों के नवीनतम वर्ज़न का उपयोग
जसौरा मेरठ|| योग को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। इसे वर्ज़िश , व्यायाम , या Exercise भी कहते हैं . योग न केवल हमारे शरीर की मांसपेशियों को अच्छा व्यायाम देता है, बल्कि यह हमारे दिमाग को भी शांत रखने में भी मदद करता है। चिकित्सा अनुसंधान से पता चला है कि योग शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
योग यानी लगातार हलकी वर्ज़िश तनाव से राहत देती है और बेहतर नींद लाता है, भूख और पाचन को बढ़ाता है। यह दिमाग को हमेशा शांत रखता है।यह शब्द हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान की प्रक्रिया से संबंधित है।
योग एक संस्कृत शब्द है जो युज से आया है, जिसका अर्थ है इकट्ठा होना, बांधना , जोड़ना । योग अब चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्रीलंका के साथ-साथ भारत में भी काफी लोकप्रिय होगया है . इसका एक कारण यह है कि इसको फैलाने में सरकार का बड़ा योगदान रहा है .खुद प्रधानमंत्री इसके लिए प्रचार करते रहे हैं . लेकिन इसको किसी धर्म से जोड़ना उचित नहीं होगा .
डर्बिक ग्लोबल फाउंडेशन, A&S फार्मेसी और इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल एजुकेशन के सहयोग से डर्बिटेक योग तकनीकों के नवीनतम वर्ज़न का उपयोग करते हुए एक विशेष फिटनेस नेतृत्व कार्यशाला का राजकीय इण्टर कॉलिज जसौरा मेरठ (यु. पी. ) में आयोजन किया गया . यह कार्यशाला भारत सरकार के पूर्व प्रशिक्षण आयुक्त Dr बदरुल इस्लाम कैरानवी के नेतृत्व में पूरी सफलता के साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों Modes में सम्पन्न हुई।
इस कार्यशाला का उद्देश्य चयनित युवाओं में फिटनेस नेतृत्व कौशल एवं स्वयं को तंदुरुस्त रखने की हुनरमंदी को बढ़ावा देना था, साथ ही उन्हें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक व् आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ, सबल, मजबूत बनाना है .इस का मक़सद मानवता और देश की भलाई और स्वास्थ्य भारत की संरचना है . साथ युवाओं में उनकी अंतरात्मा को जगा कर, उनके व्यक्तित्व को निखारना है ।
ख़ास बात यह है की डॉ. बदरुल इस्लाम के 50 वर्षों के योग प्रशिक्षण के अनुभव को प्रतिभागियों के जीवन में उतारने की कोशिश है . साथ ही 21वीं सदी के लोगों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की ज़रूरतों के हिसाब से चुन-चुन कर सुधार किये जा रहे हैं . और यह पद्धति रामबाण औषधि के तौर पर विक्सित तथा उच्च तकनीक के साथ अधिक आसान बनाकर आत्मसात करने पर केंद्रित है ।डर्बिक योगा-वर्ज़िशों से रखें हाज़मा दुरुस्त-पेट तंदुरुस्त – फिटनेस की डोज़ आधा घंटा रोज़ है .
इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को चमत्कारी लाभ में सफल होने के लिए उन्नत योग तकनीक के माध्यम से मस्तिष्क की मालिश अंदर से करने के रहस्य भी डा. बी. इस्लाम कैरानवी सिखाया । A & S Pharmecy के अध्यक्ष हकीम अताउर्रहमान अजमालि ने यूनानी पैथी को कई मर्ज़ों में बिना किसी Side Effect के बहुत कारगर बताया . उन्होंने बताया अब देश और दुनिया में लोगों का रुझान AYUSH के अंतर्गत आने वाली पद्धतियों की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है .