योगी जी महाराज ने जताई आशंका राम मंदिर में होसकता है विध्वंस!!
राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस का योगदान बीजेपी से कहीं ज़्यादा कैसे और क्यों ?
भारत में राम मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा कार्यकर्म की तैयारियां ज़ोरों पर हैं . हालांकि कई साधुओं , संतों का मानना है कि अधूरे मंदिर उद्घता सही नहीं है , इससे कुछ अनर्थ हो सकता है , प्रकृति रूठ सकती है .
लेकिन ख़तरा यह है कि देश में एक बार फिर बड़े पैमाने पर दंगे कराये जा सकते हैं . अगर दंगे न भी हों तो अल्पसंख्यक समुदाय को Provoke किया जाएगा जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़े .अभी जगह जगह मुस्लिम समुदाय के लोगों से ज़बरदस्ती जय श्रीराम के नारे लगवाए जाने का खेल शुरू हो चूका है . ऐसा न करने पर लिंचिंग के वाक़ियात सामने आने लगे हैं . ,, उसके बाद TV चर्चाओं के माध्यम से इसका इलज़ाम भी हमेशा की तरह मुसलमानों पर ही रखा जाएगा . …
विश्लेषकों का मानना है कि राम मंदिर के निर्माण में मुस्लिम वर्ग का बड़ा योगदान है … जिस प्रकार मुस्लिम समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश की एकता अखंडता और सम्प्रभुता को बल दिया और मंदिर निर्माण के रास्ते को साफ़ किया यह वास्तव में सराहनीये क़दम था …और मंदिर निर्माण में किसी प्रकार का विघ्न नहीं डाला .
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को न चाहते हुए भी स्वीकार किया .बाबरी मस्जिद का विध्वंस देश और दुनिया के मुसलमानों की भावनाओं पर गहरी चोट थी . उसके बावजूद पूरे संयम से इस Verdict को देश में शांति और भाईचारे की खातिर सर माथे पर रखा .
मगर उसके बाद जिस तरह काशी मथुरा के नाम पर फिर बवाल शुरू कर दिया गया है यह देश को हर हाल में तोड़ने और कमज़ोर करने की साज़िश का हिस्सा लगता है …और अल्पसंख्यक समाज के साथ धोखा और छल है . इस तरह यह न ख़त्म होने वाला सिलसिला है और इसका अंत सिर्फ विनाश है …
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव बेहद खास होगा और राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां ज़ोरों पर हैं और होनी चाहिए क्योंकि यह सिर्फ मंदिर नहीं है बल्कि आस्था , धर्म और अहंकार के नाम पर जीती गयी जंग का प्रतीक भी है . बीजेपी के लिए 2024 के चुनाव का केंद्र बिंदु भी .
कहा जा रहा है जो रामलला बाबरी मस्जिद में क़ैद थे उनको वर्तमान प्रधान मंत्री ने आज़ाद कराया है . यानी राम को आज़ाद कराने का श्रेय प्रधान मंत्री मोदी और बीजेपी को दिया जा रहा है. और जनता को नारा भी दिया गया जो राम को लाये हैं हम उन्ही को लाएंगे . तो सच्चाई यह है कि रामलल्ला के पट और ताला कांग्रेस ने खुलवाए … शिलान्यास कांग्रेस ने कराया , बाबरी मस्जिद कांग्रेस ने गिरवाई .
1989 के अपने चुनावी भाषणों में राजीव गाँधी ने राम मंदिर बनवाने का संकल्प लिया था . यह अलग बात है कि कि जब इसका निर्माण होना था तो सर्कार बीजेपी की है और मोदी प्रधानमंत्री हैं . अन्यथा राम मंदिर की आधार शिला तो कांग्रेस की ही दैन है और राम मंदिर समर्थकों इसके लिए कांग्रेस को श्रेय देना चाहिए . यह ज़रूर है कि कांग्रेस इस पूरे कार्यक्रम को प्रसारित या प्रोपेगेट नहीं कर सकी . जबकि बीजेपी ने पल पल इसको राजनितिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया .
आपको याद होगा यानी कुछ भक्तों ने कहा था भारत को आज़ादी 2014 में मिली ,अब कुछ भक्तों ने श्री राम के जन्म दाता नरेंद्र मोदी को बना दिया . पुरुषोत्तम श्री राम की मर्यादा हिन्दू संस्कृति का आधार है . और अब पुरषोत्तम राम की ऊँगली पाखंडियों को पकड़ा दी यह धार्मिक पतन है . और श्री राम का अपमान है .
दरअसल बीजेपी चाहती है कि 2024 का चुनाव राम मंदिर के रंग में पूरी तरह रंगा हो . यहाँ तक तो सही है मगर देश की भोली और मासूम के खून से न रंगा जाए इसके लिए सरकार और एजेंसीज को उत्तरदाई बनाना होगा . और इसके लिए कोई विधेयक लाया जाना ज़रूरी है . बीजेपी को 2 सीट से सत्ता और विजय के शिखर तक पहुंचाने वाला यही राम मंदिर है .
अब सत्ता की हैट्रिक भी इसी राम मंदिर की पिच पर लगाई जाने का प्लान है . इस मंदिर से पुरषोत्तम राम कितना क्रोधित होंगे जिसकी बुनियाद में देश के हज़ारों मासूमों के प्राण दफ़न हैं , हज़ारों माओं की चीखें और करोड़ों की आस्था दफ़न है .
हालांकि यह भी शर्मनाक है कि हिंदुस्तान में राम मंदिर के निर्माण के लिए इतना जतन क्यों हुआ चुप चाप राम का मंदिर बन जाना चाहिए था जैसे और बहुत से बड़े बड़े मंदिर बनते ही रहते हैं . लेकिन राम मंदिर खामोशी से बन जाता तो बीजेपी का सत्ता का सपना कैसे पूरा होता …. मगर इसमें कोई शक नहीं बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण के अपने वादे को निभाया .
और बीजेपी को इसी मुद्दे ने जीत की शिखर तक पहुंचाया …. इसके बाद २ करोड़ रोज़गार , बेरोज़गारी उन्मूलन योजना , भ्रष्टाचार निवारण , काले धन की वापसी , मंहगाई हटाने का प्रण ,कालाबाजारी रोकने जैसे वादों और मुद्दों पर काम करने की ज़रुरत ही क्या है . जिन वादों को पूरा कर दिया उनसे पार्टी को वोट मिला और मिलेगा जो वादे पूरे नहीं हुए उनसे जनता को सुख मिलना था जो नहीं मिला …
अच्छे दिन आएंगे का नारा भी पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए अमृतकाल का सबसे शुद्ध अमृत सिद्ध हुआ . इस सबके बीच राम मंदिर 2024 लोकसभा चुनाव के केंद्र में रहने वाला है . इसी दौरान देश के साधू संतों का प्राण प्रतिष्ठान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ छेड़ा गया अभियान बीजेपी के लिए बड़ा चिंता का विषय बन गया है .
अजय योगी महाराज का कहना है कि विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है राम के मान और सनातन धर्म की मर्यादा का सवाल है इसमें मोदी अकेले न आएं पत्नी को साथ लाएं , किसी ब्राह्मण विद्वान , संत विद्वान से प्राण प्रतिष्ठान कराया जाये , मोदी जी ऐसा न करें कोई अनिष्ट हो सकती है .