[]
Home » News » National News » पाकिस्तान में क्या होगया हिन्दू मुस्लिम के बीच??
पाकिस्तान में क्या होगया हिन्दू मुस्लिम के बीच??

पाकिस्तान में क्या होगया हिन्दू मुस्लिम के बीच??

 

पाकिस्तान में नवरात्रि के त्यौहार का दिलकश नज़ारा , बड़ी तादाद में मुसलमानो की शिरकत

दुनिया भर के हिंदू हर साल नवरात्रि या दशहरे का त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत की याद के रूप में मनाते हैं।हर साल की तरह इस साल पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में भी दशहरा धूम से मनाया गया .

लेकिन इस वर्ष हिन्दुओं के इस त्यौहार में मुसलमानो की खासी तादाद नज़र आई , और उस वक़्त पाक की सरज़मीं पर भी धार्मिक सौहार्द्र देखा गया जब नवरात्रि के दौरान हिंदुओं के साथ मुसलमान भी शरीक हुए। मुसलमानों ने हिंदुओं के साथ डांडिया और गरबा जैसे सांस्कृतिक कार्यकर्मों में हिस्सा लिया ।

हिंदू धर्म के कैलेंडर महीने के ‘अश्विन’ का चाँद नज़र आते ही नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जाता है।नवरात्रि के त्योहार का समापन कहीं रावण के तो कहीं राम के दहन से होता है , भारत के उत्तरी भाग के कुछ राज्यों में राम के दहन की मान्यता है ।

READ ALSO  IPL के बाकी मैच 19 सितम्‍बर से 15 अक्‍तूबर तक UAE में खेले जाएंगे

 

नवरात्रि शब्द ‘नौ रातें’ से निकला है। इस त्योहार में नौ दिन व्रत या रोज़े रखे जाते हैं।नवरात्रि का आरंभ दिया जलाकर किया जाता है। भारत के पश्चिम बंगाल इलाक़े में दुर्गा माता की आरती उतारी जाती है और फल फूल चढ़ाए जाते हैं।

शायद यह पहली बार था , सूचना के मुताबिक़ पाक प्रधान मंत्री इमरान खान ने सत्ता सँभालने के बाद भारत को चैलेंज करते हुए कहा था की हम बताएँगे की अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा कैसे होती है , और उनका अधिकार कैसे दिया जाता है । शायद इस बार उनके इस ब्यान का असर दिखाई दिया , और मुस्लमान अपने तमाम मज़हबी अक़ीदतदतों के साथ अपने अल्पसंख्यकों यानि हिन्दू भाइयों के साथ उनकी ख़ुशी में शामिल होते दिखाई दिए । हालाँकि बताया जाता है की कराची में हिन्दू मुस्लिम सोहाद्र अक्सर देखने को मिलता ही रहता है ।

READ ALSO  'अमित शाह , सवाल पूछना हमारा काम है' विनीत खरे

हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार ,पाकिस्‍तान के सिन्ध की राजधानी कराची जिले के बाड़ीकलां में माता का मंदिर सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है. ये पहाड़ियां पाकिस्तान द्वारा जबरन कब्जाए गए बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के पास हिंगलाज क्षेत्र में स्थित हैं. यहां का मंदिर प्रधान 51 शक्तिपीठों में से एक है. हिंगलाज ही वह जगह है, जहां माता का सिर गिरा था. यहां माता सती कोटटरी रूप में जबकि भगवान शंकर भीमलोचन भैरव रूप में प्रतिष्ठित हैं. कहते हैं कि यहां माता का ब्रह्मरंध गिरा था. इसे नानी मां का मंदिर भी कहा जाता है.Top Bureau

Please follow and like us:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

sixteen − sixteen =

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Scroll To Top
error

Enjoy our portal? Please spread the word :)