मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में OBC रिजर्वेशन को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर बयानी हमला बोल रहे है, वही दूसरी तरफ़ अब इस आरक्षण को लेकर ओबीसी महासभा मैदान में उतरने जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ओबीसी महासभा नाखुश है। महासभा ने 21 मई को प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया है। वहीं महासभा को कांग्रेस ने अपना पूर्ण समर्थन दिया है। कांग्रेस के नेता लगातार इस मामलें में शिवराज सरार पर ठीकरा फोड़ रहे है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से सह स्थायी मंत्री संजय श्रीवास्तव ने प्रेस नोट जारी किया है. इसमें कहा गया है कि ओबीसी महासभा के प्रदेश व्यापी बंद को कांग्रेस का पूर्ण समर्थन है.
कांग्रेस का भी मानना है कि ओबीसे के अधिकार कम हुए है. इस लिए उनकी मांग को पूरा करने के लिए हम भी सरकार से मांग करते हैं.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी ओबीसी महासभा का आरोप है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं होना चाहिए, ऐसे में ओबीसी को 27 प्रतिशत रिजर्वेशन नहीं मिलेगा।
इसलिए इस फैसले से मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग बिल्कुल भी खुश नहीं है। इसी को लेकर 21 मई को ओबीसी महासभा पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करने जा रही है, इसके साथ ही पूरे प्रदेश को बंद करने का फैसला लिया गया है, अब ओबीसी महासभा के इस संग्राम में कांग्रेस भी आहुति देने कूद पड़ी है, कांग्रेस ने 21 मई को होने जा रहे आंदोलन के लिए महासभा को अपना पूर्ण समर्थन दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत और निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के ही कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन बाद में शिवराज सरकार ने इस फैसले में संसोधन की मांग करते हुए एप्लीकेशन फॉर मॉडिफिकेशन सुप्रीम कोर्ट में दायर की किया था. जिस पर सुनवाई के बाद आर सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिए जाने का निर्देश दिया है.