बदनामे ज़माना हीरे के कारोबारी भगोड़े नीरव मोदी को ब्रिटिश हाईकोर्ट से झटका लगा है। आज मामले की सुनवाई के दौरान ब्रिटिश कोर्ट ने मीडिया को बताया कि धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामलों में चल रहे मुकदमों की सुनवाई के लिए नीरव को भारत जाना होगा।
मामा मेहुल चोकसी और भांजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार 6 सौ करोड़ हड़पने का इलज़ाम है। PNB में लूट के बाद दोनों ने जनवरी 2018 में भारत छोड़ दिया था।
मार्च 2019 में नीरव को पहली बार गिरफ्तार किया गया था। नीरव को भारत के हवाले किये जाने के लिए ब्रिटिश कोर्ट की तरफ से 2021 में हरी झंडी मिल गई थी। लेकिन वो अभी तक भारत नहीं आ सका है। अरेस्ट के बाद से वो लंदन की विंड्सवर्थ जेल में बंद है।
2021 में ही नीरव ने लंदन हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि भारत और ब्रिटेन के बीच दोस्ताना रिश्ते हैं। अदालत का कहना है कि नीरव मोदी को भारत लौटकर मुकदमों की सुनवाई में शामिल होना पड़ेगा ।
हालांकि नीरव के पास अभी भी ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने का मौक़ा है। उधर भारत में विशेष अदालत के आदेश के बाद ईडी ताबड़तोड़ नीरव की संपत्तियों को कुर्क करने में जुटी है।
सारी दुनिया में उसका रिटेल बिजनेस है। दिल्ली, मुंबई, न्यूयार्क, लंदन, हांगकांग और मकाऊ जैसे शहरों में उसका कारोबार है।
दिलचस्प होगा यह जानना की नीरव मोदी की कंपनी ‘दी फायरस्टार डायमंड’ का 2015 में न्यूयार्क के पहले स्टोर का उद्घाटन PM नरेंद्र मोदी के दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प ने किया था । तब वो अमेरिका के राष्ट्रपति थे।नीरव के मोदी और ट्रम्प से रिश्तों का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है
नीरव को अमेरिका की मशहूर मैगज़ीन फोर्ब्स 2017 के खरबपतियों की लिस्ट में सबसे युवा कारोबारी के तौर पर शामिल किया गया था।
यह जानना भी दिलचस्प है कि नीरव मोदी का पालनपोषण बेल्जियम में हुआ।हालाँकि उसका परिवार भारत में रहता है . बेल्जियम रिफाइंड डायमंड ट्रेड का हब माना जाता है। बेल्जियम में वो Wharton बिजनेस स्कूल में पढ़ाई कर रहा था। लेकिन बीच में स्कूल छोड़कर वो भारत लौट आया। उसके चाचा ने उसे हीरों के कारोबार में लगा लिया ।
देखना यह है कि नीरव के PM मोदी से रिश्ते उसको कब तक रिहाई दिला पाएंगे . या फिर उसको जेल कि हवा खिलाना मोदी सरका की सियासी मजबूरी होगी |