म्यांमार और थाईलैंड में आज लगे भूकंप के तेज झटकों के बाद भारी तबाही हुई। इस शक्तिशाली भूकंप में इमारतों, पुल और बांध को नुकसान हुआ है। दो सबसे अधिक प्रभावित शहरों से विचलित करने वाला मंजर सामने आया है।
रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। जानकारी के मुताबिक, दोपहर करीब 12 बजे लगे झटकों के कुछ ही देर बाद 6.4 तीव्रता का भूकंप भी आया।
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद हालात गंभीर बने हुए हैं. भारत ने इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि उन्होंने म्यांमार के सीनियर जनरल एच.ई. मिन आंग ह्लाइंग से बातचीत की है.
प्रधानमंत्री ने विनाशकारी भूकंप में हुए जानमाल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि भारत एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है.
#Operation Brahma के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल तेजी से प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं.
राजधानी नेपीडॉ में भारी नुकसान
वहीं राजधानी नेपीडॉ से ली गई तस्वीरों में भूकंप से क्षतिग्रस्त कई इमारतें दिखाई दे रही हैं और बचाव दल पीड़ितों को मलबे से निकाल रहे हैं।
मामले में म्यांमार की सरकार ने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में अस्पतालों के ब्लड बैंक में खून की कमी है, जिसकी मांग बढ़ गई है।
वहीं मांडले शहर में टूटी-फूटी सड़कें और क्षतिग्रस्त राजमार्गों के साथ-साथ एक पुल और बांध के ढहने की तस्वीरों ने इस बारे में और चिंताएं पैदा कर दी हैं कि बचाव दल पहले से ही व्यापक मानवीय संकट से जूझ रहे देश के कुछ क्षेत्रों तक कैसे पहुंच पाएंगे।
म्यांमार में उच्च स्तर पर है भूकंपीय खतरा
बता दें कि, यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेटों के बीच टकराव के कारण, म्यांमार में भूकंपीय खतरा उच्च स्तर पर है।
अंतर्राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र की तरफ से बताए गए भूकंप मापदंडों के अनुसार, 1990 से 2019 तक हर साल म्यांमार और उसके आसपास के इलाकों में 3.0 से अधिक या उसके बराबर परिमाण वाली लगभग 140 घटनाएं हुई हैं।
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि म्यांमार मध्यम और बड़ी तीव्रता वाले भूकंपों के खतरों के प्रति संवेदनशील है, जिसमें इसकी लंबी तटरेखा के साथ सुनामी के खतरे भी शामिल हैं।
सागाइंग फॉल्ट सागाइंग, मांडले, बागो और यांगून के लिए भूकंपीय खतरे को बढ़ाता है, जो म्यांमार की आबादी का 46 प्रतिशत हिस्सा है।
हालांकि यांगून फॉल्ट ट्रेस से अपेक्षाकृत दूर है, फिर भी यह अपनी घनी आबादी के कारण महत्वपूर्ण जोखिम से ग्रस्त है।