
ग्रह मंत्री अमित शाह के स्वास्थ्य के बारे में फैली भ्रांतियों का स्वयं ग्रह मंत्री मंत्री ने अपने Twitter Handle जवाब दिया और वे स्वस्थ हैं , वैसे भी बीमारी किसी को भी होसकती है लेकिन बीमारी को मज़ाक़ बनान या इस पर Comments करना यह मानवता के प्रति अपराध और अनैतिक भी है .
इसके अलावा किसी की मौत की दुआ करना या किसी की मौत की कामना करना यह भी एकदम अधर्म है , क्योंकि कोई किसी की बाद दुआ से न मर सकता है और न कोई किसी की दुआ से लम्बी उम्र हासिल कर सकता है , ज़िंदगी और मौत का मामला यह है की इस्लामिक मान्यता के अनुसार 5 चीज़ें इंसान की ज़िंदगी में ऐसी हैं की उसमें कोई परिवर्तन नहीं होसकता ,
NO . 1 ज़िंदगी
No . 2 मौत
No . 3 रोज़ी
No . 4 नेक बख़्ती
No . 5 बद बख़्ती
अब ऐसे में किसी के लिए मौत या ज़िंदगी के बढ़ने की दुआ करना रब के निज़ाम में दखल है अलबत्ता बीमार की सेहत और उम्र में बरकत की दुआ की जासकती है . उम्र में बरकत का मतलब उसका 100 साल होजाना नहीं है बल्कि उलमा ने लिखा है की उम्र में बरकत का मतलब यह है की बंदा कम बरसों में ज़्यादा काम अंजाम दे जाता है जो लोग लम्बी उम्र में नहीं कर पाते .
तो जो लोग भी किसी की मौत या लम्बी उम्र की तमन्ना करते या रखते हैं वो इस बात को अच्छी तरह जान लें की अल्लाह की कोई सुन्नत तब्दील नहीं होती है .अलबत्ता ज़ालिमों से धरती को पाक करने की दुआ की जा सकती है चूंकि ज़ालिमों को रब भी पसंद नहीं करता , यहाँ एक बात का ख़ास ख्याल रखा जाए की ज़ालिम और काफिर में फ़र्क़ है , ज़ालिम किसी भी मज़हब या जाती में हो सकता है , और काफिर के मानी हिन्दू या सिक्ख ईसाई या बुद्धिष्ट नहीं बल्कि काफिर का मतलब ना फ़रमानी करने वाला है और वो एक मुस्लिम भी हो सकता है , रब की ना फ़रमानी तो मुस्लिम भी अपनी ज़िंदगी के शब् ओ रोज़ में करता ही रहता है . असल चीज़ जो हमेशा के लिए पकड़ की है वो रब की ज़ात में किसी को शरीक कर लेना है . और यह शिर्क रब को पसंद नहीं है , इसी की सजा में हमेशा की जहन्नुम या नर्क है .
तो ग्रह मंत्री अमित शाह के बारे में या किसी के भी बारे में बे सरो पैर या बे बुनियाद messages फैलाना समाज की बुराइयों का बड़ा हिस्सा है , और जो लोग भी इस क़िस्म के messages को फेलायेंगे जिससे समाज में नफरत , अलगाव या बेचैनी पैदा होती हो वो दुनिया में भी सजा के मुस्तहिक़ हैं और आख़िरत में तो ऐसे लोगों के लिए बड़ी ख़तरनाक सज़ा है .लिहाज़ा ऐसे Messages से बचा जाए और पूरी इंसानियत की सेहत , भलाई , आफ़ियत और सुकून व् अम्न की दुआ की जाए .एहि मानवता है और यही है धर्म.
दर्द ए दिल के वास्ते पैदा किया इंसान को
वरना ताअत के लिए कुछ कम न थे कर्रो बयां

