योरोपियन यूनियन की विशेष सांसदों के J & K दौरे पर सियासी बवाल ,सुरक्षा को किया मज़ीद चौकन्ना , आतंकी कर सकते हैं माहौल खराब
नई दिल्ली: सूत्रों के अनुसार बताया गया है ,J & K में आतंकी ,EU सांसदों के दौरे से पहले घाटी में माहौल खराब करने की हर संभव कोशिश कर सकते हैं। कुछ दिन पहले ही बारामूला के सोपोर में ग्रेनेड से हमला करने के बाद अब आतंकियों ने अनंतनाग में सेब के एक ट्रक ड्राइवर की हत्या भी कर दी थी।
जम्मू कश्मीर में चप्पे चप्पे पर सिक्योरिटी के चाक चौबंद होने के बा वजूद इलाक़े के अलग-अलग जगहों पर आतंकी , ट्रक चालकों से लेकर आम लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। बीते कुछ हफ्तों में आतंकियों ने दूसरे राज्य से आने वाले चार ट्रक चालकों को अपना निशाना बना चुके हैं।इसी क साथ सर्कार कि चाक चोबंदी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं
मीडिया के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब आतंकी EU सांसदों के मंगलवार को होने वाले जम्मू-कश्मीर के दौरे के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। हालांकि, सांसदों के इस दौरे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। जबकि सुरक्षा व्यवस्था पहले ही काफी Alert बताई जाती रही है ।
बता दें कि आतंकी गुट, EU सांसदों के दौरे से पहले घाटी में माहौल खराब करने की हर संभव कोशिश कर सकते हैं। लेकिन इस सम्बन्ध में विश्लेषकों के अलग अलग मत हैं और उनका मानना है कि सरकार खुद भी वहां कुछ आतंकी हमले या छूट पूत घटनाएं वहां इस दौरान करा सकती है जब EU सांसदों का एक 27 सदसिये delication वहां मौजूद हो , और इससे दुनिया को यह सन्देश देना मक़सद होगा कि आतंकी हमेशा आम लोगों को वहां निशाना बनाते रहे हैं और हमने उसको कुचलने के लिए ये सारे क़दम उठाये हैं ।
इससे पहले भी दो हफ्ते के भीतर बाहर से आये तीन ट्रक ड्राइवरों को गोली मारी गई है। आतंकवादियों ने कश्मीर के सोपोर में ग्रेनेड हमला कर सात लोगों को घायल कर दिया। इनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। बीते तीन दिनों में कश्मीर में यह दूसरा ग्रेनेड हमला था । इससे पहले शनिवार को श्रीनगर के कर्णनगर इलाके में सीआरपीएफ के छह जवान आतंकियों के ग्रेनेड हमले में घायल हुए थे।
आतंकियों द्वारा की जाने वाली घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सुरक्षा बल आशंका जता रहे हैं कि आतंकी मंगलवार को कश्मीर में और हमले कर सकते हैं, ताकि EU सांसदों के सामने स्थिति को तनावपूर्व दिखाया जा सके।
आपको बतादें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया था कि भारतीय सांसदों को रोकने और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देने में ‘कुछ न कुछ बहुत गलत है।’ राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘यूरोप से आए सांसदों का जम्मू-कश्मीर का दौरा करने के लिए स्वागत है जबकि भारतीय सांसदों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है। कुछ न कुछ ऐसा है जो बहुत गलत है।’
बता दें, यूरोपीय संघ के 27 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार से जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाला है। यह शिष्टमंडल अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के बाद वहां की स्थिति का आकलन करेगा। ये सांसद जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनके अनुभव जानना चाहते हैं।
राहुल के EU सांसदो के j&k जाने को लेकर दिये बयां की जगह यदि वो देश में सरकार की फेलियर नीतियों को देश की जनता के सामने लाने का प्रयत्न करते तो ज़्यादा बेहतर रहता , मगर विपक्ष और ख़ास तौर पर कांग्रेस पूरे देश में बीजेपी सरकार के फेलियर के बाद मुखर होकर कोई आंदोलन नहीं चला पाई है , मानो कांग्रेस बीजेपी को ३ पारियां खुलकर खेलने केलिए पैक्ट कर चुकी हो ।