गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के मामले में असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी है। उन्हें पहले कोर्ट ने इस मामले में पांच दिन की हिरासत पर भेजा था।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक आपत्तिजनक ट्वीट के मामले में असम से गिरफ्तार हुए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को असम की कोकराझार कोर्ट ने सोमवार को जमानत दे दी थी। हालांकि, असम पुलिस ने जमानत मिलने के बाद अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया कि कांग्रेस समर्थित विधायक मेवानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया हैउन्होंने अपने ट्वीट में दावा किया था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो कि गोडसे को गॉड मानते हैं, उन्हें गुजरात में सांप्रदायिक संघर्ष के खिलाफ शांति व सौहार्द की अपील करना चाहिए।’
उक्त ट्वीट को लेकर मेवाणी के खिलाफ भादंवि की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 153 (A) (दो समुदायों के खिलाफ शत्रुता बढ़ाना), 295(A) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से भड़काने वाली बातें कहना) तथा आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।