ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर इसराइल में चर्चा, ईरान के पूर्व विदेश मंत्री ने अमेरिका पर उठाई उंगली
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश की रविवार रात जब ख़बर आई, तब से इसराइल के सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई थीं.
ये प्रतिक्रियाएं तब और ज़्यादा बढ़ गईं, जब सोमवार सुबह क्रैश हुए हेलिकॉप्टर का मलबा मिला और रईसी के मारे जाने की पुष्टि हो गई.ईरान में लोग रईसी के ऐसे अचानक हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे जाने पर सवाल उठा रहे हैं.और वहां एक ख़ास क़िस्म की प्रतिक्रियाएं लोग दे रहे हैं .
आपको याद होगा बीते दिनों ईरान और इसराइल के बीच फौजी हमलों का संघर्ष हुआ था.जिसके बाद इस बात की आशंकाएं जताई जा रही थी की यह युद्ध अब तीसरी वैश्विक जंग में परिवर्तित हो सकता है .
हालांकि तीसरी आलमी जंग का खतरा अभी टला नहीं है . बल्कि कुछ विशेषायों का मानना है की ईरानी राष्ट्रपति की मौत को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है .
पहले सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का इल्ज़ाम इसराइल पर आया. फिर जवाबी कार्रवाई में अप्रैल 2024 में ईरान ने इसराइल पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया.
इस संघर्ष के बीच जब रईसी और ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की अचानक मौत हुई है तो कुछ लोगों ने शक भरी निगाह से इसराइल की तरफ़ भी देखना शुरू कर दिया है .
मगर इसराइल ने रईसी की मौत के पीछे अपना हाथ होने की बात से साफ़ इनकार किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, एक इसराइली अधिकारी ने पहचान छिपाए रखने की शर्त पर कहा- रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश के पीछे इसराइल नहीं है.हालांकि इसराइल की सरकार की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है.
ईरान की समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक़, पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़ारिफ ने हेलिकॉप्टर क्रैश के पीछे अमेरिकी प्रतिबंधों को ज़िम्मेदार बताया है.
मोहम्मद जवाद ने कहा, ”इस दिल दुखाने वाली घटना के कारणों में से एक अमेरिका भी है. अमेरिकी एविएशन इंडस्ट्री ने ईरान को कुछ बेचने पर पाबंदी लगाई हुई थी . जिसकी एक वजह राष्ट्रपति और उनके साथियों की शहादत हो सकती है . अमेरिका का यह अपराध ईरानी लोगों की याददाश्त और इतिहास में दर्ज रहेगा.”
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था तो ईरान की ओर से मदद मांगी गई थी. मगर अमेरिका ने मदद नहीं दी थी .
जबकि अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया, ”ईरान सरकार ने हमसे मदद मांगी थी. हमने ईरानी सरकार को बताया था कि हम मदद के लिए तैयार हैं जैसा कि हम किसी भी विदेशी सरकार को इस तरह के हालात में मदद देते हैं. लेकिन लॉजिस्टकल (सैन्य कारणों ) से हम मदद करने में असमर्थ रहे.”
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से सवाल पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात की फ़िक्र है कि ईरान अमेरिका पर आरोप लगा सकता है?उन्होंने जवाब देते हुए कहा – इस हेलिकॉप्टर क्रैश में अमेरिका का कोई रोल नहीं था.
अमेरिका के सीनेटर चक शूमर ने सोमवार को कहा था कि अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों के अधिकारियों से हुई बातचीत ये बताती है कि अभी ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिसके आधार पर साज़िश की बात कही जा सके.
बहरहाल दुनिया के मंज़र नाम में ईरानी सदर की हादसाती मौत नए आयाम तैयार कर सकती है . ईरान को इसका कोई विकल्प तो मिल जाएगा लेकिन वर्तमान जंगी हालात में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी की हादसाती मौत मुस्लिम दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान तो है . भले कुछ देशों के लिए अभी कोई ब्यान देने के पीछे कोई राजनयिक मजबूरी हो सकती हो .