हिरासत में मालिक और कॉर्डिनेटर, RAF की हुई तैनाती… बेसमेंट की सभी लाइब्रेरी हुईं बंद
कोचिंग सेंटर हादसा: New Delhi //देश की सबसे सम्मानिये सेवाओं में से एक IAS बनना अक्सर Students और उनके माँ बाप का सपना होता है।इसके लिए देश में अलग अलग जगहों पर कचिन चलाई जा रही हैं। दिल्ली का राजेंद्र नगर इसका मुख्य केंद्र है।
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान में हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। दोनों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
शनिवार की शाम को कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से एक छात्र और दो छात्राओं की मौत हो गई। इनकी पहचान श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डेल्विन के रूप में हुई है। तीनों के परिजनों को सूचना दे दी गयी है।
दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने बीएनएस की धारा 105, 106(1), 152, 290 और 35 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्धन ने बताया मरने वालों की पहचान हो गई है छात्रा श्रेया यादव यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली थी। जबकि छात्रा तान्या तेलंगाना की रहने वाली थी। छात्र नेविन केरल का रहने वाला था।
वह जेएनयू से पीएचडी भी कर रहा था। करीब आठ महीने से वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने तीनों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है।
उधर, कोचिंग संस्थान में बचाव अभियान का काम लगभग पूरा हो गया है। कुछ ही पानी बाकी बचा है। बेसमेंट समेत इमारत पूरी तरह खाली हो गई है। कोई वहां नहीं फंसा है। हादसे के बाद दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने भवन उपनियमों का उल्लंघन कर चल रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है।
इस घटना के लिए एमसीडी के कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं, इसकी पहचान करने के लिए तत्काल जांच की जाएगी। यदि कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, कोचिंग संस्थान के बाहर आरएएफ की यूनिट को तैनात किया गया है।
उधर, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, वहां जो हुआ है वह कोई हादसा नहीं बल्कि हत्या है। बेसमेंट में लाइब्रेरी कैसे चल रही थी? पहले जो जांच बिठाई गई थी उसका क्या हुआ? ये छात्र देश का भविष्य हैं… काफी घंटे हो गए हैं इस घटना को लेकिन दिल्ली के मंत्रियों में वहां (घटना स्थल पर) जाने की हिम्मत नहीं हो रही है। इस पूरे घटना में आप लोग (दिल्ली सरकार) शामिल हैं।
इसी तरह का एक हादसा पिछले साल दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में हुआ था। जब अचानक क्सेट्रे की बिल्डिंग में आग लगने से हड़कंप मच गया. कोचिंग सेंटर में लगी आग के बाद बच्चे 4 मंजिला इमारत की खिड़की तोड़कर खुद को बाहर निकालने केलिए रस्सी से लटक कर नीचे उतर रहे थे। दिल्ली के मुखर्जी नगर भी कोचिंग का हब बना हुआ है।
इस पूरी घटना या इस जैसी देश की और घटनाएं हो जाने के बाद प्रशासन , शासन और विपक्ष जागता है। यह अफसोसनाक है , मानो सरकारें घटनाओं का इंतज़ार करती हों। क्यों नहीं वक़्त रहते एजेंसीज अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाती हैं ? पहले अधिकारी , कर्मचारी ताश खेलने में वक़्त गुज़ारते हैं और फिर घटनाएं होने के बाद दिन रात उनको मेहनत करना पड़ती है।
विपक्ष भी कामों को समय से करवाने में रुचि नहीं रखता।बस रिकॉर्ड में रखने के लिए एक शिकायत डाली और खामोश। अगर किसी मुद्दे पर वोट मिलने की उम्मीद होती है तो उसको खूब गरमाया जाता है। अगर रखता भी है तो सत्तापक्ष और प्रशासन टालता रहता है। यह हमारे यहाँ की समस्या आम है।
लेकिन राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर हादसा इंतहाई अफसोसनाक है , कई परिवारों के अरमानों का यह क़त्ल है और इसके लिए संसथान , सेंटर और एजेंसीज को ज़िम्मेदारी लेते हुए मृतकों के परिवार को माक़ूल मुआवज़ा देना चाहिए। और भविष्य में ऐसी घटना घटित न हो इसके लिए एजेंसियों को यक़ीन दिलाना चाहिए।
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