गुजरात के कच्छ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने फाउंडेशन स्टोर लेइंग सेरेमनी के दौरान किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन पर विपक्ष पर बरसे मोदी कहा किसान आंदोलन कार्यों से 24 घंटे बात करने को हैं तैयार .
नई दिल्ली: Special Correspndent TOP:आज प्रधान मंत्री मोदी गुजरात के कच्छ में फाउंडेशन स्टोन लेइंग सेरेमनी के दौरान किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए बोले , विपक्ष कर रहा है गुमराह . कच्छ में एक मीटिंग में मौजूद किसनों को समझाने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, ”किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है. उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे. आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए.”
याद रहे नरेंद्र मोदी यह बात उन किसानो से कर रहे थे जो इस आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं , और साथ ही गुमराह करने की कोशिश की जारही थी की क्या डेरी वाला किसानो से दूध का कॉन्ट्रैक्ट देता है तो क्या मवेशी भी ले जाता है क्या ? तो डेरी वाला मवेशी ले जाकर तो टोटे में रहेगा कहाँ रखेगा क्या खिलायेगा वो सब ज़िम्मेदारी किसान की और दूध हर हाल में डेरी वाले का , कभी कभी तो त्यौहार पर भी किसान दूध नहीं रख पाटा अपने घर बच्चों के लिए , यह है सच्चाई , जो ज़ीरो ग्राउंड पर हमने देखि है .बाक़ी पूँजी वादी और सम्रज्य्वादी शक्तियों के क़िस्से दुनिया में मौजूद हैं किस तरह से मज़दूरों और किसानो का वो दोहन , और शोषण करते हैं .
पीएम मोदी ने कहा, ”कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी. अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए. आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं. वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे. जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे है.”
जबकि सच यह है की किसानो को अपना माल कहीं भी बेचने की इजाज़त और आज़ादी पहले भी थी , लेकिन आढ़तियों द्वारा माल को उनकी दूकान पर ही बेचे जाने का ज़ोर पहले भी था , मिसाल के तौर पर अगर किसी किसान ने आढ़ती no . 24 से फसल के लिए पैसा लिया है तो अब किसान को अपना माल उसी के यहाँ बेचना होगा जो दाम भी मिलें , यदि वो अपना कुछ माल अच्छे दामों पर दूसरी दूकान पर देना चाहे तो नहीं दे सकता , यह सब अभी भी है .
लेकिन किसानो का मानना है की आज बनाये गए क़ानून के तहत हमारे ऊपर ठेकेदार का पूरा क़ब्ज़ा होगा , और उनका मानना यह भी है जिस तरह आज ग़रीब और मजबूर को इन्साफ अदालतों में नहीं मिलता वो सिस्टम कल भी रहेगा और अदालत में साहूकार और पूंजीवादी लोगों का ही दबदबा रहेगा इसलिए हम इस क़ानून के खिलाफ हैं .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्छ में कहा, ”मैं किसान भाई-बहनों से फिर कह रहा हूं कि उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है. किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है.”
पीएम मोदी ने कहा, ”आज गुजरात और देश के महान सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की पुण्यतिथि भी है. केवड़िया में उनकी दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा हमें दिन रात एकजुट होकर देश के लिए काम करने की प्रेरणा देती है. आज कच्छ में भी नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। सोचिए, हमारे कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क. जितना बड़ा सिंगापुर व बेहरीन देश है, उतना बड़ा कच्छ में हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क होने वाला है.”
अब यह बात दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश के PM के मुंह से अच्छी नहीं लगती जो खुद टेक्नोसेवी हों और वो ऊंची मूर्तियों से प्रेरणा लेने की बात कर रहे हैं . तो फिर कहाँ जाएंगी हमारे होनहार प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों , डॉक्टरों , इंजिनीयरों और और IT professionals की सलाहियतें , फिर तो हम अपने महानुभावों की ऊंची ऊंची मूर्तियां बनाकर उनसे प्रेरणा लेते रहे देश चल जाएगा .