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लोकायता आर्ट गैलरी Exhibition काश आप भी देखते !!

लोकायता आर्ट गैलरी Exhibition काश आप भी देखते !!

Edited By Ali Aadil Khan 

तस्वीर की भी अपनी ज़बाँ होती है i
चुप रह कर भी सब बयाँ करती है  ii

   

कला और संस्कृति दोनों ही एक मजबूत राह है किसी भावना को संरक्षित या मजबूत करने के लिए , व्यक्तिगत पहचान और अपनीरचनात्मकता दिखाने के दोनों ही अद्भुत तरीके हैं।

साथ ही कला , कविता , नज़्म , ग़ज़ल और शाइरी ये सब मनोरंजन, व्यक्तिगत विकास और दूसरों के साथ संचार में सुधार के अलग माध्यम हैं । कलाकार अक्सर इंसानियत से मोहब्बत और प्रकृति से प्यार करने वाले होते हैं .

कला कभी ज़ात या दौलत नहीं देखती,
जो प्यार करे बस उसी की हो लेती है।

कभी कभी इंसान जब हालात से टूट जाता है , , मुश्किलात और परेशानियां उसको घेर लेती हैं , उसको किसी मक़सद में नाकामी या निराशा मिलती है ,और वो आध्यात्मिक भी नहीं है तो उसको कला , ग़ज़ल , कविता या शाइरी संभाल लेती है .

कला और संस्कृति पर बहुत कुछ लिखा और कहा जा सकता है . लेकिन कहीं वक़्त की सीमायें तो कहीं क़लम की पाबंदियां होती हैं . ऐसा ही आज यहाँ भी है .

हम घर से निकले ही थे तभी किसी कला और संस्कर्ति प्रदर्शनी का न्योता मिला . हमारे लिए इससे अच्छा कोई और दावतनामा हो नहीं सकता था . दिल्ली में झमाझम बरसात का मौसम था , मौसम अपनी सख़्ती के बावजूद बेहतर सा हो गया था .

इसी बीच हम पहुँच गए दिल्ली के लोकायता आर्ट गैलरी हौज़ ख़ास , हमें भी अपनी “कल्पना” को प्रज्वलित करना था , और दृष्टि को सुसज्जित भी .

आप जानते हैं दोस्तों दुनिया में डॉक्टर, इंजीनियर और Advocate की संख्या कलाकारों, संगीतकारों, चित्रकारों अभिनेत्रियों, नृत्य कलाकारों , लेखकों और अन्य रचनात्मक पेशेवरों की संख्या के लगभग बराबर है।

और यह भी सच है कि कला के किसी भी क्षेत्र में प्रतिभाशाली बच्चे आमतौर पर कम उम्र में ही जान जाते हैं कि उन्हें किस दिशा में महारत हासिल करनी है.

ठीक वैसे ही जैसे वे शिक्षा या खेल के मैदान में जान लेते हैं। बस उनकी प्रतिभाओं और Skills को कोई परखने और प्रोत्साहित करने वाला मिलना चाहिए .

ऐसे ही एक महानुभाव हैं आरिफ़ कुरैशी , जो स्वाभाव से बहुत ही सादे और बहुत ही अच्छे अख़लाक़ के नौजवान हैं .अब वो कलाकारों को प्रोत्साहित करने और उनको कामयाबी की देहलीज़ तक पहुँचाने तक के सफ़र को अपना मिशन बना चुके हैं .

उनकी तलाश में वो जेल तक जा चुके हैं . मेरा मतलब किसी जुर्म की सज़ा में नहीं बल्कि कलाकार और प्रतिभाओं की तलाश में वो कारागार जाते रहे हैं .

आरिफ़ मियां के बारे फिर कभी कुछ और बातें करेंगे ,आज तो उन कलाकारों की पेंटिंग्स के बारे में बात करते हैं जिसने हम साक्षात्कार मिले . उनकी कला को देखा , उनके Visions को जाना और समझा . काफ़ी Participants अपने शौक़ या पेशे के तईं बहुत गहराई तक उतरे हुए मिले .

पिछले दिनों लोकायता आर्ट गैलरी हौज़ ख़ास नई दिल्ली में 28 जून से 30 जून तक ग्रुप आर्ट एक्सहिबिशन का आयोजन काफ़ी दिलचस्प था .

कई तो उम्र में बहुत छोटे कलाकार थे मगर उनमें अपने पेशे के तईं बड़ी लगन और Dedication नज़र आ रहा था . इसमें देश विदेश से अनेक कलाकारों ने हिस्सा लिया था .

इनमें कुलमणि बिस्वाल ,इप्शिता , कीर्ति अग्रवाल , फिओना बोरो , अनंत मैंनेनी , अंश Gracious, निधि शाह , निशा सहजपाल ,नीरज राठी , बबिता हेम्ब्रोम , RC शर्मा , वृति गुजराल , श्रुति, अतुल पंडिता , ईशवनीत कौर , शिवभद्र सिंह , मोहिका,आदि प्रमुख हैं ।

मैं सबसे अलग अलग उनकी पेंटिंग्स के बारे में जानना चाहता था , उनके vissions को जानना चाहता था , क्योंकि वही तो मुल्क का मुस्तक़बिल थे . काफ़ी कुछ जाना समझा मगर फिर भी बहुत कुछ जानने से रह गया .

खैर फिर कभी मौक़ा मिला तो समझूंगा कि मेरे प्यारे वतन का नौजवान ज़ेहन में अपने समाज की क्या तस्वीर बना रहा है …

एक्सहिबिशन में पेंटिंग फोटोग्राफी स्कल्प्चर विभिन्न प्रकार के आर्ट को प्रदर्शित किया गया था । इस आर्ट प्रदर्शनी का आयोजन आर्ट डेविल के संस्थापक आरिफ कुरैशी  द्वारा किया गया था।

आर्ट डेविल के संस्थापक आरिफ कुरैशी  ने कई मोअज़्ज़िज़ और मारूफ़ लोगों को बुलाया था और सभी को अपना ख़ास मेहमान बनाया था यानी मुख्य अतिथि बनाया . उनमे कुछ नाम श्री राकेश राजपूत नेशनल सेक्रेटरी समाजवादी पार्टी, श्री आदित्य राजपूत मेंबर सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म सर्टिफिकेशन , सलीम अहमद कुरैशी चेयरमैन मिशन फ्यूचर ,श्री नंदा भाई राजपूत क्रांतिकारी, सवितुर प्रसाद former Special Secretary of Defence , Political Analyst and Promoter , Advocate रईस अहमद सेक्रेटरी Mission Future एंड IJMA आदि द्वारा आर्ट प्रदर्शनी का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

आयोजक आरिफ कुरैशी ने बातचीत के दौरान बताया कि उनका आर्ट प्रदर्शनी लगाने का उद्देश्य कलाकारों को प्रमोट करना है .आरिफ़ कुरेशी ने बताया कि वो आर्ट को हर कीमत पर बुलंदियों पर ले जाना चाहते हैं। और इसलिए समय समय पर आर्ट प्रदर्शनी करते रहते है।

 

पेशे से आरिफ़ भी एक कलाकार हैं और अपने इस हुनर के ज़रिये काफ़ी लोकप्रिय हैं । आरिफ़ का नाम दो बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड 2016 और 2021 मे दर्ज हो चुका है .

इसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनको सम्मानित किया था । अब विदेशों से भी उनको अपने आर्ट और कला को पेश करने के लगातार निमंत्रण आ रहे हैं .

हमारी भी दुआ है कि आरिफ कुरैशी art and Culture के माध्यम से वो अपने देश का नाम रोशन करें और मुल्क में सांप्रदायिक सौहार्द तथा आपसी प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करें.

अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे!
मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले   !!!   

सालिम सलीम

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