देश की आजादी के बाद से श्रीलंका इस समय सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। हालत इस कदर बिगड़ चुके हैं कि जनता के भारी आक्रोश के बीच पद पर रहते हुए राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा। इसके बाद रानिल विक्रमसिंघे देश के राष्ट्रपति बने हैं। राष्ट्रपति तो बदले हैं लेकिन जनता की हालत बिगड़ती जा रही है।
भारी आर्थिक संकट के बीच 2 रोटी मिल जाए, लोग इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। जो महिलाएं कपड़ा क्षेत्र में काम कर देश की अर्थव्यवस्था में भागीदारी निभा रही थीं, अब उनकी नौकरी भी चली गई हैं। अब खबर है कि नौकरी खोने के बाद महिलाएं देह व्यापार करने को मजबूर हैं।
आर्थिक संकट के चलते देशभर में अस्थायी वेश्यालयों को खुलते देखा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में देह व्यापार में तीस फीसदी की बढ़ोत्तरी इसलिए हुई है, क्योंकि यहां की महिलाएं आजीविका के लिए यह काम करने पर मजबूर हैं। इनमें से कुछ वेश्यालय स्पा और वेलनेस सेंटर के रूप में काम कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि इन महिलाओं के परिवारों दिन में तीन बार भोजन उपलब्ध कराने का यही एकमात्र तरीका बच गया है।
स्टैंड अप मूवमेंट लंका (एसयूएमएल) की कार्यकारी निदेशक आशिला दंडेनिया ने बताया कि कपड़ा उद्योग में काम करने वाली महिलाएं आर्थिक संकट के कारण काम से निकाल दिए जाने के बाद देह व्यापार का सहारा ले रही हैं। आशिला बताती हैं, ‘मौजूदा संकट के कारण हमने देखा है कि कई महिलाएं देह व्यापार को अपना रही हैं क्योंकि खाने की चीजों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि वे घर नहीं चला पा रहे हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एक इक्कीस वर्षीय युवती ने बताया कि कैसे वह कपड़ा उद्योग के एक कर्मचारी से देह व्यापार करने लगीं। उसने बताया कि सात महीने पहले उसने अपनी नौकरी खो दी थी और महीनों तक नौकरी नही मिली तो देह व्यापार का रास्ता चुना। युवती ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में मैंने एक कपड़ा कारकाने में अपनी नौकरी खो दी। फिर मुझे दैनिक आधार पर एक और नौकरी मिल गई। लेकिन मुझे पैसे नहीं मिले क्योंकि मैं इसमें नियमित नहीं थीं। युवती ने आगे बताया कि इसके बाद उनसे एक स्पा मालिक ने संपर्क किया और उन्होंने मौजूदा संकट के कारण एक वैश्य के रूप में काम करने का फैसला किया।