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लघु एवं मंझले अख़बारों का दिल्ली में सरकार पर हल्ला बोल

लघु एवं मंझले अख़बारों का दिल्ली में सरकार पर हल्ला बोल

मांगे पूरी न होने पर केंद्रीय सरकार को अखबार मालिकों की आगामी UP विधान सभा चुनाव में सबक़ सिखाने की धमकी

लघु और मझोले अखबारों के लिए DAVP द्वारा बनाई गए नई नीतियों के खिलाफ देश भर से आये हज़ारों अख़बार मालिकान संपादकों तथा प्रकाशकों ने जंतर मंतर दिल्ली में ज़बरदस्त प्रदर्शन किया । राज्य्य सभा में भी सोमवार को सदन के पटल पर समाजवादी के सांसद मुनव्वर राणा ने लघु और मंझले अखबारों के मालिकान की बात को रखा और साथ ही धरना स्थल पर अपनी हाज़िरी दर्ज करते हुए सरकार के इस क़दम को लोकतंत्र और अभिवियक्ति की आज़ादी के खिलाफ बताया ।इस अवसर पर दिल्ली कॉग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल ने भी अपनी बात रखते हुए केंद्र सरकार की नीतियों को लोकतंत्र के खिलाफ बताया और लघु तथा मंझले अख़बार की इस लड़ाई में साथ देने का भी आश्वासन दिया ।PRESS COUNCIL OF INDIA (PCI) के  सदसय  गुरवेन्द्र  सिंह  ने  कहा  की  लघु  और  मंझले  अख़बारों  के  साथ  न  इंसाफी  नहीं  होने   दी  जायेगी  इसके  लिए  कौंसिल  ने  अपनी  योजना  तैयार  करली  है  ।

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देश भर से आये अखबारों के संपादक , प्रकाशक , और मालिको ने ज़ोर दार अंदाज़ में अपनी बात को रखा और DAVP की विज्ञापन संबंधी नई नीतियों को सरकार की साज़िश बताया और कहा की ये छोटे और मिझले समाचार पत्रों को बंद करके कॉर्पोरेट मीडिया घरों की मनमानी करने की केंद्रीय सरकार की योजना है जो बाहरी मीडिया तथा ताक़तों की भी साझेदारी का हिस्सा होसकती है ।

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अंत में अख़बार बचाओ मंच के DELIGATES की ओर से प्रधान मंत्री कार्यालय और सूच ना एवं प्रसारण मंत्रालय कार्यालय में एक ज्ञापन दिया गया जहाँ मंच की टीम को कहा गया की इस सम्बन्ध में पहले ही संज्ञान लेने के लिए निदेशालय को निर्देश देदिये गए हैं जिसपर जल्द ही कार्रवाई होनी है ।हालांकि मंच ने समस्या के समाधान होने तक अपनी मांगो को जारी रखने की योजना बनाई है जिसके लिए देश भर के लघु और मंझले समाचार पत्रों के मालिकों ने भी आश्वासन दिया है की वो इस लड़ाई को UNITEDLY और JOINTLY लड़ेंगे ।

शानदार धरना आयोजन में सभी  समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व था ,मगर पवन सहयोगी ,वसीउद्दीन सिद्दीकी ,अर्जुन जैन , डॉ, अलीमुल्लाह ,अनिल शर्मा ,मुस्तक़ीम खान  और तनवीर अहमद ने धरना आयोजन में अपनी सेवायें मुख्य  रूप  से  दीं.

DAVP नीति का पूरा मामला क्या है समझें—

DAVP द्वारा जारी नई नीति में अंकों के आधार पर अखबारों को विज्ञापन सूची में प्राथमिकता दी गयी है .इसमें 45 हज़ार प्रासार संख्या से अधिक वाले समाचार पत्रों के लिए ABC (ऑडिट ब्यूरो ऑफ़ सर्कुलेशन ) और RNI का प्रमाण पात्र अनिवार्ये किया गया है . ABC के तहत बड़े अखबार वालों का PANNEL छोटे -मंझले अख़बारों की प्रसार संख्या की जांच करेगा, जिसके लिए 25 अंक रखे गए हैं ,कर्मचारियों को PF देने पर २० अंक , समाचार पत्र की पेज संख्या के आधार पर 20 अंक ,समाचार पत्र द्वारा तीन एजेंसियों के लिए 15 अंक , खुद की प्रिंतिं प्रेस होने पर 10 अंक, और प्रसार संख्या के आधार पर PRESS COUNCIL OF INDIA की फीस जमा करने पर 10 अंक दिए गए हैं .इस तरह 100 अंकों का वर्गीकरण किया गया है .जिन अख़बारों को 46 से काम अंक मिलेंगे वे विज्ञापन लेने के हक़दार नहीं होंगे जबकि वे DAVP के PANNEL में रहेंगे . वर्तमान में 90 % छोटे अखबार इन शर्तों को पूरा नहीं कर सकते .नई नीति के लागू होने से बड़े राष्ट्रीय और प्रादेशिक अख़बारों को ही अब केंद्र एवं राज्ये सरकारों के विज्ञापन जारी होसकेंगे .

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