विश्व यूथ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप के पहले ही दिन लिओन (मैक्सिको) में विजय प्रजापति (49 भार वर्ग) और आकांक्षा व्यवहारे (40 भार वर्ग) देश को दो रजत पदक.
अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहे मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के विजय के लिए यह पदक परिवार के दुर्दिन दूर कर सकता है। मैक्सिको पहुंचते ही 17 साल के विजय को पता लगा कि उनके पिता विक्रम सिंह भोपाल के एक अस्पताल में दाखिल हैं। यह खबर उन्हें उनके परिवार की ओर से नहीं बल्कि दोस्त ने दी थी।
विजय पहले ही ठान कर आए थे उन्हें यहां पदक अपने बेरोजगार और ड्राइवर पिता के लिए जीतना है। विजय ने तत्काल पिता को फोन लगाया तो उन्होंने यही कहा कि उनकी चिंता नहीं करनी है बस वह अपना वहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। विजय ने स्नैच में 78 और क्लीन एंड जर्क में 98 किलो वजन के साथ कुल 175 किलो भार उठाया और रजत पदक जीता।
यह विजय का पहला विदेशी दौरा था। नाबालिग होने के कारण वीजा के इंटरव्यू के लिए उनके माता-पिता का साथ होना जरूरी था, लेकिन उनके माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे शाजापुर से दिल्ली आ पाते। विजय कहते हैं कि वह अपने पिता को लेकर बेहद परेशान हैं। उनकी तीन बड़ी बहनें हैं। दो की शादी पिता ने कर दी है, जिसके चलते उन पर काफी कर्ज है। वह पिता को कर्जमुक्त करना चाहते हैं। वहीं महाराष्ट्र की आकांक्षा ने 40 भार वर्ग में कुल 127 किलो वजन उठाकर रजत जीता।