Yasin Malik Terror Funding Case: यासीन ने 10 मई को अदालत को बताया था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आतंकी अधिनियम, आतंकी फंडिंग, आतंकी हरकतें, देशद्रोह, धोखाधड़ी मामलों का सामना अब नहीं करेगा।
दिल्ली की एक अदालत आतंकी वित्त पोषण के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर बुधवार को फैसला सुना सकती है। मलिक को न्यूनतम उम्रकैद और अधिकतम सजा ए मौत हो सकती है। इसके अलावा अदालत जुर्माना भी लगा सकती है।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में दोषी ठहराया था। पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश ने एनआईए अधिकारियों को उनकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया था ताकि जुर्माना की राशि निर्धारित की जा सके। इससे पहले 10 मई को मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है। उसने अपना जुर्म कबूल लिया था। मलिक इस वक्त दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।
साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अफसरों को मलिक की वित्तीय स्थिति का आकलन करने का भी निर्देश दिया था ताकि जुर्माने की राशि निर्धारित की जा सके। बताया जाता है कि इस मामले में मलिक को अधिकतम मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है जबकि उसके अपराधों के लिए न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है। यासीन ने 10 मई को अदालत को बताया था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आतंकी अधिनियम, आतंकी फंडिंग, आतंकी हरकतें, देशद्रोह, धोखाधड़ी मामलों का सामना अब नहीं करेगा।
इस बीच अदालत ने फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल सहित कश्मीरी 20 अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे।
आज NIA कोर्ट सजा लेकर फैसला सुना सकता है. टेरर फंडिंग केस में दोषी यासीन मलिक पर आज 3.30 बजे तक फैसला आ सकता है. दिल्ली की NIA कोर्ट में सज़ा पर बहस पूरी हो गई है. NIA ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सज़ा मांगी है.